इन 2 कन्याआें के साथ हुआ था गणेशजी का विवाह, जानिए संपूर्ण कथा

पाैराणिक कथाआें के अनुसार एक बार भगवान शिव तथा मां पार्वती ने इस प्रश्न का उत्तर जानने के लिए योजना बनार्इ कि कार्तिकेय और गणेशजी में से पहले किसकी शादी हो।
उन्होंने दोनों को बुलाया और कहा कि हम तुम दोनों से समान स्नेह रखते हैं। इसलिए तुम दोनों में से कौन पहले विवाह करेगा, इस बात का निर्णय एक प्रतियोगिता से किया जाएगा।
तुम दोनों पूरी धरती का चक्कर लगाओ, जो पहले वापस आएगा, वही पहले विवाह करेगा। कार्तिकेय अपने मयूर पर सवार होकर चक्कर लगाने निकल गए, लेकिन गणेशजी वहीं रुक गए।
उन्होंने पूरी श्रद्धा से अपने माता-पिता की पूजा की और उनके सात चक्कर लगाए। जैसे ही उन्होंने सात चक्कर लगाए, कार्तिकेय आ गए। कार्तिकेय ने कहा कि उनका विवाह पहले कराया जाए, क्योंकि उन्होंने चक्कर सबसे पहले लगाए हैं।
वहीं गणेशजी ने कहा कि वेदों के अनुसार, संतान के लिए उसके माता-पिता ही समस्त दुनिया होती है। उन्हीं के चारों ओर उसका जीवन होता है। इसलिए मेरा विवाह पहले होना चाहिए।
गणेशजी की बात सुनकर शिव-पार्वती भाव-विभोर हो उठे और उन्होंने गणेश की शादी पहले करने का निर्णय लिया। प्रजापति विश्वकर्मा की दो पुत्रियां थीं, ऋद्धि और सिद्धि। इन दोनों का चयन गणेशजी से शादी करने के लिए किया गया। विश्वनिर्माता विश्वकर्मा ने अपनी पुत्रियों की शादी धूमधाम से की।