नई दिल्ली: दक्षिण अफ्रीका में मिले कोरोना वायरस के नए वैरिएंट से दुनिया भर के कई देशों में हड़कंप मचा हुआ है। कोरोना के इस नए वैरिएंट को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) ने ‘ओमाइक्रोन’ नाम दिया है। भारत में भी ‘ओमाइक्रोन’ वैरिएंट को लेकर सरकार अलर्ट पर है। भारत की केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को इसको लेकर अलर्ट जारी किया है। भारत में कितना खतरनाक और असरदार हो सकता है, कोरोना का नया वैरिएंट ‘ओमाइक्रोन’, इसको लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन की मुख्य वैज्ञानिक डॉ सौम्या स्वामीनाथन ने कहा कि ये भारत के लिए एक “वेक-अप कॉल” यानी लोगों को सतर्क और सावधान करने वाला हो सकता है।
भारत में लोगों को मास्क पहनने और कोविड-19 का उपयुक्त व्यवहार करने पर जोर देते हुए डॉ सौम्या स्वामीनाथन ने कहा, मास्क को अब हमेशा लगाकर रहना होगा, खासकर इनडोर सेटिंग्स में। ऐसे वैरिएंट इनडोर सेटिंग्स में अत्यधिक प्रभावी होता है। इसके लिए सभी वयस्कों को पूरी तरह से वैक्सीनेट होन, सामूहिक समारोहों से बचने पर ध्यान देना होगा। विश्व स्वास्थ्य संगठन की मुख्य वैज्ञानिक डॉ सौम्या स्वामीनाथन ने एनडीटीवी को बताया कि ‘ओमाइक्रोन’ वैरिएंट खतरनाक हो सकता है। ये दुनियाभर के लिए चिंता का कारण बन सकता है। हमें ‘ओमाइक्रोन’ से लड़ने के लिए विज्ञान आधारित रणनीति की आवश्यकता है।
डॉ सौम्या स्वामीनाथन ने कहा कि यह वैरिएंट डेल्टा की तुलना में अधिक खतरनाक हो सकता है। हालांकि अभी तक आधिकारिक रूप से कुछ भी नहीं कहा जा सकता है। हम कुछ दिनों में तनाव के बारे में और जानेंगे। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा ओमाइक्रोन को “चिंता का एक रूप” करार दिया गया है, जो संभावित रूप से बीमारी के पिछले रूपों की तुलना में अधिक संक्रामक है, हालांकि विशेषज्ञों को अभी तक यह नहीं पता है कि क्या यह अन्य वैरिएंट की तुलना में कम या ज्यादा गंभीर कोविड-19 का कारण होगा। डॉ सौम्या स्वामीनाथन ने कहा, कोरोना के इस नए वैरिएंट के बारे में जानने के लिए हमें और अधिक अध्ययन की आवश्यकता है।