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पैरालंपिक स्वर्ण पदक विजेता मनीष नरवाल के छोटे भाई-बहन दिखा रहे कमाल

यही मनीष जब 2018 में जकार्ता पैरा एशियाई खेलों का स्वर्ण जीतकर घर लौटे तो उनके छोटे भाई-बहन शिवा और शिखा ने भी पिस्टल पकड़ ली। पिता दिलबाग सिंह को पांच साल पहले अपने बड़े बेटे मनीष नरवाल को शूटिंग शुरू कराने के लिए अपना मकान तक बेचना पड़ा था। मकान बेचकर मिली राशि से उन्होंने मनीष को पिस्टल दिलाई थी।

यही मनीष जब 2018 में जकार्ता पैरा एशियाई खेलों का स्वर्ण जीतकर घर लौटे तो उनके छोटे भाई-बहन शिवा और शिखा ने भी पिस्टल पकड़ ली। अब मनीष जब टोक्यो पैरालंपिक का स्वर्ण जीतकर लौटे हैं तो शिवा और शिखा भी रंग दिखाने लगे हैं।

पहले दोनों ने जूनियर विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीते और अब राष्ट्रीय चैंपियनशिप में कमाल दिखा रहे हैं। शिवा ने तो एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता सौरभ चौधरी को जूनियर 10 मीटर एयर पिस्टल के फाइनल में विश्व कीर्तिमान स्कोर बनाकर मात दे दी।

अब ये दोनों भाई-बहन 10 मीटर एयर पिस्टल मिक्स इवेंट के फाइनल में एक साथ उतरने जा रहे हैं। पिता दिलबाग खुलासा करते हैं कि दोनों ने मनीष को देखकर शूटिंग करना शुरू किया। वैसे तो दोनों कोच राकेश सिंह के संरक्षण में कोचिंग ले रहे हैं, लेकिन मनीष भी दोनों को ट्रेनिंग देना नहीं छोड़ते हैं

आज ही फाइनल से पहले मनीष ने दोनों की तैयारियों का पूरा जायजा लिया है। दिलबाग को पूरी उम्मीद है कि मनीष की तरह शिवा और शिखा में कमाल दिखाएंगे। वह कहते हैं कि उनका पहला लक्ष्य तीनों भाई-बहनों को एक साथ अगले वर्ष होने वाले एशियाई खेलों में उतारने का है। अगर ऐसा हुआ तो यह कमाल होगा।

एक इवेंट तक सीमित नहीं हैं दोनों

मनीष की तरह शिवा और शिखा एक इवेंट तक सीमित नहीं हैं। स्नातक प्रथम वर्ष की छात्रा शिखा ने तो इस साल लीमा (पेरु) में हुई जूनियर विश्व चैंपियनशिप में 50 मीटर का व्यक्तिगत, 10 मीटर का टीम और मिक्स का रजत जीता, जबकि 11वीं के छात्र शिवा ने 10 मीटर में टीम का स्वर्ण जीता।

शिवा की सौरभ पर यह दूसरी जीत है। इससे पहले वह सौरभ को ओलंपिक से पहले ट्रायल में परास्त कर चुकेहैं। इस राष्ट्रीय चैंपियनशिप में वह कुल आठ पदक जीत चुके हैं।

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