शिवसेना सांसद की मांग, घटिया वेंटिलेटर देने वाली एजेंसी पर कार्रवाई करे सरकार
नई दिल्ली: शिवसेना ने कोरोना महामारी का लाभ उठाकर मरीजों से लाखों रुपये का बिल वसूलने वाले निजी अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। पार्टी का कहना है कि कोरोना प्रबंधन में प्रधानमंत्री सहित सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने अच्छा काम किया है। पर, सरकार को निजी ठेकेदारों, एजेंसियों और अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। क्योंकि, उन्होंने बड़े पैमाने पर खराब वेंटिलेटर सप्लाई किए हैं।
लोकसभा में कोरोना महामारी पर चर्चा की शुरुआत करते हुए विनायक राउत ने कहा कि केंद्र ने महामारी के दौरान राज्यों को जरूरत के मुताबिक वेंटिलेटर और पीसीए संयंत्र देने का आश्वासन दिया था। उन्होंने अफसोस जताते हुए कहा कि पीएम केयर्स निधि के तहत दिए गए 60 फीसदी वेंटिलेटर काम नहीं कर रहे हैं। कई बार शिकायत के बावजूद कंपनी अपना इंजीनियर नहीं भेज रही है। उन्होंने कहा कि पीसीए संयंत्रों के मामले में भी ऐसा ही हुआ है। कई अस्पतालों में अभी संयंत्र नहीं लगे हैं। ऐसे में जिन एजेंसियों और ठेकेदारों ने यह काम किया है, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। इसके साथ उन्होंने केंद्र पर टीके उपलब्ध कराने में गैर भाजपा शासित राज्यों के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाते हुए कहा कि महामारी के दौरान केंद्र को इससे बचना चाहिए था।
शिवसेना सांसद ने कहा कि पूरे देश में 100 करोड़ से अधिक खुराक की खुशी मनाई जा रही है। फोन पर कॉल से पहले दो मिनट तक इस बारे में संदेश सुनना पड़ता है। पर हकीकत यह है कि 45 करोड़ लोगों को ही दोनों खुराक दी गई है। विनायक राउत ने कहा कि हम तब तक खुशी नहीं मना सकते हैं, जब तक हम पूरी आबादी को कोरोना टीके की दोनों खुराक नहीं देते हैं। ऐसे में टीकाकरण बढ़ाया जाना चाहिए।
महामारी में भूख से एक भी मौत नहीं : कटारिया
कोरोना पर बहस में हिस्सा लेते हुए भाजपा सांसद रतनलाल कटारिया ने कहा कि महामारी के दौरान देश में भुखमरी से मौत का एक भी मामला नहीं आया है। इसका श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देते हुए उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि कोरोना के खिलाफ सफल टीकाकरण अभियान पर भी सवाल उठा रहे हैं। जबकि भारत के टीकाकरण अभियान की पूरी दुनिया प्रशंसा कर रही है।
देश में कोरोना से निपटने के बुनियादी ढांचे का जिक्र करते हुए कटारिया ने कहा कि इस वक्त हमारे पास 15 हजार से अधिक विशेष कोविड अस्पताल हैं। लगभग 75 हजार आईसीयू बेड और 14 लाख पृथकवास बिस्तर हैं। इसके साथ सरकार जांच, निगरानी और इलाज को लेकर भी पूरी तरह सतर्क है। कोरोना महामारी के दौरान अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले असर का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि भारत ने बहुत तेजी के साथ अपनी अर्थव्यवस्था को संभाला है। अब हम सबसे तेज गति से चलने वाली अर्थव्यवस्था है।