कोटद्वार । सिद्धबली महोत्सव के दूसरे दिन आयोजित गढ़वाली भजन संध्या में उत्तराखंड की प्रसिद्ध गायिका अनुराधा निराला और अमित सागर के भजनों का जादू श्रद्धालुओं के सर चढ़कर बोला। गायकों ने एक से बढ़कर एक भजनों की प्रस्तुतियों ने श्रद्धालुओं को झूमने पर मजबूर किया।
शनिवार सुबह को सिद्धबली महोत्सव के तहत सुबह छः बजे महंत दिलीप रावत और मुख्य यजमान उद्योगपति अनिल कंसल व विनोद अग्रवाल ने वैदिक मंत्रोचार के साथ पिंडी महाभिषेक किया। इसके बाद उन्होंने एकादश कुंडीय यज्ञ में आहुति डालकर सिद्धबाबा से कामना की। दोपहर होते ही गढ़वाली भजन माला का आयोजन किया गया । गढ़वाली भजन माला से पहले हंस फाउंडेशन के संस्थापक भोलाजी महाराज, माता मंगला व भारत माता मंदिर के महामंडलेश्वर ललितानन्द गिरी जी महाराज ने अपने विचार व्यक्त किए ।
भजन संध्या की शुरुआत गायक अमित सागर ने जागर के रूप में की। गढ़वाली गायिका के रूप में पहुंची अनुराधा निराला ने जैसे ही मेरा जै सिद्धबली बाबा तू दैणू ह्वे जैयां भजन की प्रस्तुति शुरू की खचाखच भरे मैदान में श्रद्धालु ताली बजते हुए झूमने लग गए। कई महिलाएं भाव विभोर होकर अपनी जगह पर खड़ी होकर थिरकने लगी । अनुराधा निराला के विभिन्न भजनों दयालु भगवती, दया करी कृपा करी, देवी कुंजापुरी मैया, जय चंद्रबदनी जय सुरकंडा भवानी, जय सिद्धबली बाबा की की प्रस्तुति ने सिद्धबली मंदिर परिसर का माहौल भक्तिमय कर दिया । वहीं अमित सागर ने कोटद्वार मां सिद्धबली बाबा बाबा मेरू देणा ह्वैज्या, महादेवा, चेत्वाली, चेत्वाली का दिनांक आदि भजनों पर श्रद्धालुओं को झूमने पर मजबूर किया। भजनों के साथ कलाकारों ने नृत्य प्रस्तुत कर समा बांधा। देर शाम तक श्रद्धालु भजनों की प्रस्तुति पर झूमते रहे।
शनिवार को महोत्सव के दूसरे दिन सुबह छह बजे से सिद्धबली बाबा के दर्शनों के लिए श्रद्धलुओं का तांता लगा रहा। लोगों की भीड को नियंत्रित करने के लिए प्रर्याप्त पुलिस बल तैनात किया गया है । बाबा के दर्शनों को शाम तक लाइन लगी रही लोगों ने लाइन पर लगकर सिद्धबली बाबा के दर्शन किए और सुख, शांति, समृद्धि की कामना की।