मयंक अग्रवाल ने जीता ‘प्लेयर आफ द मैच’ का खिताब, रविचंद्रन अश्विन बने ‘प्लेयर आफ द सीरीज’
नई दिल्ली: न्यूजीलैंड का भारत दौरा समाप्त हो गया है और ये दौरान काफी निराशा से भरा रहा, क्योंकि टीम एक भी मैच इस दौरे पर नहीं जीत पाई। हालांकि, टीम ने एक टेस्ट मैच को ड्रा कराने में सफलता हासिल की। वहीं, मुंबई टेस्ट मैच में न्यूजीलैंड की टीम चारों खाने चित हो गई। इस मैच में प्लेयर आफ द मैच मयंक अग्रवाल रहे, जिन्होंने पहली पारी में 150 और दूसरी पारी में 62 रन बनाए। लंबे समय के बाद मयंक अग्रवाल के बल्ले से शतक देखने को मिला। वहीं, प्लेयर आफ द सीरीज का खिताब स्पिनर रविचंद्रन अश्विन को मिला, जिन्होंने कानपुर टेस्ट मैच में 6 और मुंबई टेस्ट मैच में 8 विकेट अपने नाम किए। इस तरह कुल 14 विकेट अश्विन ने इस सीरीज में झटके। इसके अलावा उन्होंने कानपुर टेस्ट मैच की पहली पारी में 38 और दूसरी पारी में 32 रन बनाए थे। वहीं, मुंबई टेस्ट मैच में उनको पहली पारी में मौका मिला, जिसमें वे बिना खाता खोले आउट हो गए। ये टेस्ट क्रिकेट में उनका 9वां प्लेयर आफ द सीरीज अवार्ड है। आर अश्विन इस समय टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा बार प्लेयर आफ द सीरीज रहने वाले दुनिया के संयुक्त रूप से दूसरे खिलाड़ी हैं। उनसे ज्यादा सिर्फ 11 बार मुथैया मुरलीधरन ने ये कमाल किया है। वहीं, जैक कैलिस और आर अश्विन 9-9 बार टेस्ट क्रिकेट में प्लेयर आफ द सीरीज का खिताब अपने नाम कर चुके हैं। 8-8 बार प्लेयर आफ द सीरीज टेस्ट क्रिकेट में आस्ट्रेलिया के शेन वार्न, पाकिस्तान के इमरान खान और न्यूजीलैंड के रिचर्ड हेडली रहे हैं, जिन्हें अब अश्विन ने पीछे छोड़ दिया है।
साउथ अफ्रीका में टेस्ट सीरीज जीतना चाहते हैं अश्विन
प्लेयर आफ द सीरीज का खिताब पाने के बाद आर अश्विन ने कहा, “मुझे लगता है कि मुझे 10 (प्लेयर आफ द सीरीज अवार्ड्स) मिल गए हैं। मैंने ईमानदारी से वानखेड़े का आनंद लिया, और हर रोज कुछ नया था, और मैं दोनों छोरों से चुनौती दे सकता था। एजाज का यह शानदार प्रदर्शन था। यह वानखेड़े में हर समय स्पिन नहीं करता है, और उसने सीम का इस्तेमाल किया और गेंद को सही जगहों पर रखा, और उसके 10 विकेट के लिए भी कुछ नियति शामिल थी। जयंत और मैंने एक साथ ट्रेनिंग ली है। अक्षर और मैं किंग्स इलेवन के बाद से खेले हैं। मैं दक्षिण अफ्रीका जाना चाहता हूं और वहां एक सीरीज जीतना चाहता हूं, हमने पहले ऐसा नहीं किया है और उम्मीद है कि हम इस बार ऐसा कर सकते हैं।”वहीं, मयंक अग्रवाल ने प्लेयर आफ द मैच का खिताब पाने के बाद कहा, “रनों के बीच वापस आकर अच्छा लग रहा है और यह पारी मेरे लिए खास है। मैंने कानपुर से कुछ नहीं बदला, बस मेरे पास मानसिक अनुशासन और दृढ़ संकल्प था। तकनीक हर समय सर्वश्रेष्ठ नहीं होगी, यह रनों की गारंटी नहीं देगी, लेकिन लड़ने की इच्छा महत्वपूर्ण है। राहुल भाई ने मुझे सीरीज के बीच में तकनीक के बारे में नहीं सोचने के बारे में बताया, और मुझे बताया कि यही वह तकनीक है जिससे मुझे रन मिले हैं। सनी सर ने कहा कि मुझे पारी की शुरुआत में अपना बल्ला नीचे रखना चाहिए और अपने बाएं कंधे को खोलना चाहिए। मैंने वास्तव में मैच में दूसरे शतक के बारे में नहीं सोचा था, लेकिन मुझे साठ को बदलना चाहिए था। हम दक्षिण अफ्रीका में विदेश में चुनौती का आनंद लेंगे, इसलिए हम इसके लिए भी तत्पर हैं।”