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मप्रः दिसम्बर माह में सभी पात्र लोगों को वैक्सीनेट करने का लक्ष्य : शिवराज

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने कहा कि मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में वैक्सीनेशन (Vaccination) कार्य की प्रगति अच्छी है, लेकिन महाअभियान के माध्यम से हमारा लक्ष्य शत-प्रतिशत पात्र आबादी को कोरोना वायरस से बचाव के लिए सुरक्षा चक्र प्रदान करना है। दिसम्बर माह तक सभी पात्र लोगों को वैक्सीनेट करने का लक्ष्य है। जिलों के लिए निर्धारित किए गए भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी अपनी प्रभारी अधिकारी की भूमिका को पूरी गंभीरता से निभाते हुए प्रतिदिन कलेक्टर्स के संवाद करें।

उन्होंने कहा कि जन-सहयोग से हमने इस महामारी के नियंत्रण में सफलता प्राप्त की है। जन-जागरूकता, जन-सहयोग और सावधानियों के पालन के साथ तीसरी लहर की आशंका को निर्मूल करना है। आवश्यक सावधानियों के पालन, जन-जागरूकता के लिए घर-घर दस्तक और रोको-टोको अभियान पर जोर देकर हम किसी भी वेरिएंट का मुकाबला कर सकते हैं। मुख्यमंत्री चौहान सोमवार को मंत्रालय में प्रदेश में कोरोना नियंत्रण की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। इस मौके पर लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी, चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान आदि उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अन्य देशों से आ रहे अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को ट्रेस किया जा रहा है। इन यात्रियों का आरटी-पीसीआर परीक्षण भी किया जा रहा है। सख्त मॉनीटरिंग से स्थिति पर नजर रखी जा रही है। सभी चाक-चौबंद रहें, इसके लिए प्रभारी अधिकारी और कलेक्टर्स निरंतर संवाद रखें। जिन क्षेत्रों में वैक्सीन के डोज़ कम लगे हैं, वहाँ घर-घर दस्तक अभियान संचालित किया जाएगा। आगामी 8, 16 और 22 दिसम्बर टीकाकरण महाअभियान के प्रचार-प्रसार पर विशेष जोर रहेगा, ताकि टीकाकरण के लिए शेष रह गए लोगों को इसका लाभ सुनिश्चित हो। जागरूकता अभियान के लिए समाज के विभिन्न संगठनों, क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटियों और धर्मगुरूओं को जोड़ा जाएगा। सासंद, विधायक और जन-प्रतिनिधि भी अभियान से जुड़ेंगे।

प्रदेश में योजनाबद्ध तरीके से कोविड नियंत्रण
बताया गया कि प्रदेश में आज कोविड-19 के 17 पॉजीटिव प्रकरण दर्ज हुए हैं। कुल एक्टिव प्रकरणों की संख्या 138 है। आज जाँच के लिए 56 हजार 895 सेम्पल लिए गए। प्रदेश की रिकवरी दर 98.6 प्रतिशत है। भारत सरकार की मार्गदर्शिकाओं का पालन पहले भी किया गया है। प्रदेश में आय.आय.टी.टी.वी अर्थात् आयडेंटिफिकेशन, आयसोलेशन, टेस्टिंग, ट्रीटमेंट और वैक्सीनेशन का पालन करते हुए व्यापक रूप से योजनाबद्ध तरीके से कोरोना नियंत्रण का प्रसार रोका जा रहा है। संक्रमण की शीघ्र पहचान और त्वरित उपचार की प्रक्रिया का पालन किया जा रहा है।

प्रदेश में आज दिनांक तक कुल 2 करोड़ 21 लाख से अधिक सेम्पल लिए जा चुके हैं। प्रदेश में 9 करोड़ 12 लाख 8 हजार 38 वैक्सीन डोज लगाए जा चुके हैं। प्रदेश में कोविड-19 और वेरिएंट ऑफ कन्सर्न ओमिक्रान के संबंध में निरंतर कार्य हो रहा है। दिसम्बर 2021 से अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों की ट्रेसिंग का कार्य निरंतर चल रहा है। कुल 501 यात्रियों को ट्रेस किया जा चुका है। किसी भी यात्री की पॉजीटिव रिपोर्ट नहीं आयी है।

मुख्यमंत्री के निर्देश

प्रतिदिन प्रभारी अधिकारी जिला कलेक्टर से चर्चा करें।
जिला कलेक्टर और क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटियों के सदस्य अस्पतालों में आवश्यक व्यवस्थाओं को देखें।
ऑक्सीजन संयंत्रों और वेंटीलेटर की स्थिति का निरीक्षण कर लें।
रेमडेसिविर सहित जीवन रक्षक दवाइयों की उपलब्धता की जानकारी प्राप्त करें।
कोविड केयर सेंटर का भी अवलोकन करें।
आम नागरिकों से वैक्सीन के सेकंड डोज का निरंतर आग्रह किया जाए। सभी पात्र लोगों को वैक्सीन का डोज लगे, यह सुनिश्चित करें।
फेस मॉस्क और बार-बार हाथ धोने और परस्पर दूरी की सावधानियों को अपनाएँ।
विभिन्न समाजों के अध्यक्षों और धर्मगुरुओं द्वारा भी मार्गदर्शन दिया जाए।
स्वैच्छिक संगठनों और वॉलेंटियर्स आमजन को महामारी से बचाव की सावधानियों की जानकारी निरंतर दें।
योग से निरोग और “मैं कोरोना वॉलेंटियर” जैसे प्रयोगों को पुनः अपनाया जाए।

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