सुहागिनों के सिंदूर लगाने का धार्मिक के साथ-साथ वैज्ञानिक भी कारण, यौन क्षमता तक पर डालता है असर
भारत में जब भी हमें किसी शादीशुदा महिला की पहचान करनी होती हैं तो हम उस महिला में दो चीजें देखते हैं. पहला उसके गले का मंगलसूत्र और दूसरा माथे पर लगा सिंदूर. यदि किसी महिला ने ये दोनों ही चीज धारण कर रखी हैं तो हम समझ जाते हैं कि ये महिला शादीशुदा हैं. आपकी जानकारी के लिए बता दे कि किसी भी शादीशुदा महिला के लिए 16 सिंगार करना शुभ माना जाता हैं. इनमे से सिंदूर भी एक होता हैं. ऐसा कहाँ जाता हैं कि सिंदूर हर सुहागन स्त्री की निशानी होती हैं. उसके माथे का सिंदूर उसके सुहाग (पति) का प्रतिक होता हैं. सिंदूर लगाने के पीछे कई तरह की धार्मिक मान्यताएं भी हैं. इनमे से सबसे प्रचलित तथ्य ये हैं कि ‘पति के नाम का सिंदूर लगाने से उसकी उम्र बढ़ती हैं.’ इस धार्मिक वजह के बारे में तो आप ने कई बार सूना होगा लेकिन आज हम आपको सिन्दूर लगाने का एक ऐसा वैज्ञानिक कारण बताने जा रहे हैं जो आप ने आज से पहले कभी नहीं सूना होगा.
सिंदूर लगाने का वैज्ञानिक कारण और लाभ
अब तक आप लोगो को धार्मिक मान्यता के अनुसार जानकारी थी कि सिंदूर लगाने से पति की उम्र बढ़ती हैं. लेकिन आपको जान आश्चर्य होगा कि वैज्ञानिक मत के अनुसार सिंदूर लगाने से पत्नी की उम्र बढ़ती हैं. जैसा कि आप सभी जानते हैं विवाहित महिलाएं इस सिन्दूर को अपने माथे के बीच में लगाती हैं. वैज्ञानिको का मानना हैं कि महिलाओं के मस्तिष्क के बीच के स्थान पर बनी ग्रंथि काफी महत्वपूर्ण होती हैं. इस ग्रंथि को ब्रहमरंध्र के नाम से जाना जाता हैं. ये मस्तिष्क की सबसे संवेदनशील ग्रंथि होती हैं. इस ब्रहमरंध्र ग्रंथि की शुरूआत महिला के मस्तिष्क के अग्र भाग से शुरू होती हैं जो बीच में जाकर ख़त्म हो जाती हैं. मस्तिष्क के इसी एरिया में सुहागन महिलाऐं सिन्दूर भी लगाती हैं.
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि सिन्दूर के अन्दर पारा नामक धातु पाई जाती हैं. ये धातु मस्तिष्क की ब्रहमरंध्र ग्रंथि के बहुत लाभदायक होती हैं. ये इसे प्रभावशाली ढंग से सुचारू करने में मदद करती हैं. इस धातु की वजह से मस्तिष्क में होने वाला तनाव कम होता हैं. ऐसे में जो महिलाएं बहुत अधिक टेंशन लेती हैं उनके दिमाग को ये धातु शांत करने का कम करती हैं. ये पारा धातु सूखे सिन्दूर में पाई जाती हैं. कुछ महिलाएं लिक्विड वाला सिन्दूर भी लगाती हैं. इस लिव्विद सिन्दूर के अन्दर मरकरी नामक पदार्थ पाया जाता हैं. ये पदार्थ महिलाओं के दिमाग को शीतलता प्रदान करता हैं. इसे लगाने से वे तनावमुक्त रहती हैं.
अब आप कहेंगे कि सिन्दूर इतना ही फायदेमंद हैं तो इसे सिर्फ शादी के बाद ही क्यों लगाया जाता हैं? आपकी जानकारी के लिए बता दे कि सिन्दूर में पाई जाने वाली धातु सिर्फ महिलाओं के दिमाग को शांत ही नहीं करती हैं बल्कि ये उनकी यौन क्षमताओं को बढ़ाने का काम भी करती हैं. यही कारण हैं कि ये शादी के बाद लगाया जाता हैं ताकि इसका पूरी तरह से लाभ लिया जा सके. तो अगली बार से यदि कोई व्यक्ति आपके सिन्दूर लगाने को सिर्फ अन्धविश्वास का नाम दे तो आप उसे ये वैज्ञानिक कारण भी बता सकती हैं.