बल्लेबाजों को खूब फंसाया, इस गेंदबाज ने कंजूसी का नया रिकॉर्ड बनाया, बल्ले से भी आया टीम के काम और दिलाई जीत
मौजूदा क्रिकेट में बल्लेबाजों का बोलबाला देखने को मिलता है. बल्लेबाज, गेंदबाजों पर हावी रहते हैं. हालांकि कई बार गेंदबाज भी ऐसा कमाल कर जाते हैं कि बल्लेबाजों को परेशानी होती है. ऐसा प्रदर्शन जिसे कर पाना बेहद मुश्किल होता है. भारत में इस घरेलू वनडे टूर्नामेंट विजय हजारे ट्रॉफी (Vijay Hazare Trophy) का आयोजन किया जा रहा है. इसके तहत थुम्बा के सेंट जेवियर्स कॉलेज ग्राउंड में पुडुचेरी (Puducherry) और बड़ौदा (Baroda) के बीच मैच खेला गया. इस मैच में बड़ौदा से एक गेंदबाज ने भयंकर कंजूस गेंदबाजी की और विकेट भी निकाले. इस गेंदबाज का नाम है ध्रूव पटेल (Dhruv Patel). बड़ौदा ने इस मैच में पहले बल्लेबाजी करने उतरी पुडुचेरी की टीम को 100 के पार भी नहीं जाने दिया और 82 रनों पर ढेर कर दिया. इसमें ध्रूव का बड़ा योगदान रहा.
ध्रूव ने इस पारी में महज चार ओवर गेंदबाजी की और दो मेडन ओवर फेंके. उन्होंने बल्लेबाजों को अपनी गेंदों पर रन नहीं बनाने दिए. ध्रूव ने चार ओवरों में महज चार रन ही दिए और तीन बल्लेबाजों को अपना शिकार बनाया. उन्होंने भरत शर्मा को पांच , पारस डोगरा को दो और रामचंद्र रघुपति को 15 रनों के निजी स्कोर पर आउट किया. पुडुचेरी की टीम की तरफ से सबसे ज्यादा 37 रन इकलास नाहा ने बनाए. उन्होंने अपनी पारी में 36 गेंदों का सामना किया और पांच छक्के मारे. उनके अलावा रामचंद्र और सागर उदेशी ने दहाई का आंकड़ा छुआ. सागर ने भी 15 रन बनाए.ध्रूव हालांकि विजय हजारे ट्रॉफी के इस सीजन के अपने पहले मैच में फेल रहे थे. मुंबई के खिलाफ उन्होंने छह रन दिए थे लेकिन विकेट नहीं ले सके थे. वहीं बल्ले से भी उन्होंने योगदान देते हुए 13 रन बनाए थे.
जीत के लिए करना पड़ा संघर्ष
बड़ौदा को हालांकि जीत के लिए कड़ा संघर्ष करना पड़ा. उसने अपने नए कप्तान केदार देवधर का विकेट जल्दी खो दिया. वह सिर्फ एक रन ही बना सके. आदित्य वाघमोड़े 22 रन बनाकर दूसरे विकेट के तौर पर आउट हुए. अभिमन्यू सिंह राजपूत 18 रन बनाने में सफल रहे. भानू पानिया खाता तक नहीं खोल पाए. टीम के पूर्व कप्तान क्रुणाल पंड्या की पारी 10 रनों से आगे नहीं जा सकी. इसके बाद ध्रूव पटेल ने बल्ले से भी योगदान दिया और 15 रन बनाकर नाबाद रहते हुए टीम को जीत दिलाई. मितेश पटेल उनके साथ चार रन बनाकर लौटे. 83 रन बनाने के लिए बड़ौदा ने अपने पांच बल्लेबाजों को खो दिया और उसे ये लक्ष्य हासिल करने में 27.1 ओवर खेलने पड़े.