मेरठ से चार बार विधायक रहे डा.लक्ष्मीकांत वाजपेयी नहीं लड़ेंगे चुनाव, पार्टी को बताई राय
मेरठ: भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और शहर सीट से चार बार विधायक रहे डा.लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने 2022 का चुनाव लड़ने से मना कर दिया है। उन्होंने पार्टी नेतृत्व को अपने फैसले से अवगत करा दिया है। वाजपेयी ने कहा है कि वह कार्यकर्ता के तौर पर कार्य करते रहेंगे। वैसे पार्टी का हर फैसला स्वीकार है। भाजपा में कद्दावर नेता और 2014 के लोकसभा चुनाव में प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर रिकार्ड 71 सीटें देने डा.लक्ष्मीकांत वाजपेयी विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। उन्होंने पार्टी नेतृत्व को अपने फैसले से अवगत करा दिया है। वाजपेयी ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने यह भी कहा कि वह पार्टी के सिपाही हैं और रहेंगे। पार्टी का हर फैसला मानने को बाध्य हैं।
भाजपा में वाजपेयी का लंबा कॅरियर रहा है। सामान्य कार्यकर्ता से वह विधायक, मंत्री के साथ ही प्रदेश अध्यक्ष तक रहे। 2017 के विधानसभा चुनाव के बाद से उन्हें पार्टी में कोई पद नहीं मिला। हालांकि बीच में कई बार राज्यसभा, विधान परिषद, राज्यपाल बनाने की चर्चा रही। अब गत दिनों पार्टी नेतृत्व ने उन्हें स्क्रीनिंग कमेटी का अध्यक्ष बनाया तब से वह लगातार सक्रिय हैं। मेरठ से उन्होंने सपा के वरिष्ठ नेता गोपाल अग्रवाल, कवि सौरभ सुमन समेत कई नेताओं को भाजपा की सदस्यता दिला चुके हैं। 1989 में डा.लक्ष्मीकांत वाजपेयी पहली बार मेरठ शहर से विधायक बने। तब से वह लगातार विधानसभा का चुनाव लड़ते चले आ रहे हैं। चार बार विधायक बने। अयोध्या मामले में भी वह काफी सक्रिय रहे थे।