राम रहीम पूछताछ में नहीं कर रहा सहयोग, दोबारा हिरासत जरूरी, एसआईटी ने हाईकोर्ट को बताया
चंडीगढ़ । हरियाणा के सिरसा डेरा प्रमुख राम रहीम की परेशानी बढ़ सकती है। दरअसल, श्री गुरु ग्रंथ साहिब के पावन स्वरूप की बेअदबी के मामले में राम रहीम द्वारा प्रोडक्शन वारंट के खिलाफ दाखिल अपील पर सुनवाई के दौरान एसआईटी ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में कहा कि राम रहीम से जेल में पूछताछ की गई थी, लेकिन वह जांच में सहयोग नहीं कर रहा है। इसके साथ कहा कि वह सवालों को टाल रहा था और सही जवाब नहीं दे रहा था। ऐसे में अब उसे हिरासत में लेकर दोबारा पूछताछ जरूरी है। इसके साथ एसआईटी ने हाईकोर्ट में कहा, ‘गवाहों के बयान के मुताबिक डेरे में साजिश रची गई थी, लेकिन राम रहीम पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहा है। इसलिए फिर से पूछताछ करनी पड़ेगी। इसके लिए वह राम रहीम को कस्टडी में लेना चाहती है। वहीं, एसआईटी ने अपने जवाब गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के मामले का भी जिक्र करते हुए कहा कि जब बिश्नोई को प्रोडक्शन वारंट पर लाया जा सकता है तो राम रहीम को भी लाया जा सकता है।
बता दें कि बुर्ज जवाहर सिंह वाला गुरुद्वारा से गुरु ग्रंथ साहिब की प्रति चोरी, बरगाड़ी और बुर्ज जवाहर सिंह वाला में हाथ से लिखे हुए अपवित्र पोस्टर लागना और बरगाड़ी में पवित्र किताब के फटे हुए पन्ने मिलने से जुड़े तीन मामलों को तब भारतीय जनता पार्टी और शिरोमणि अकाली दल की सरकार ने सीबीआई को सौंप दिया था। हालांकि पंजाब सरकार ने सितंबर 2018 में जांच एसआईटी को दी थी। यह मामला करीब साढ़े पांच साल पुराना है। 1 जून 2015 को दोपहर के वक्त पंजाब के बरगाड़ी से करीब पांच किमी दूर गांव बुर्ज जवाहर सिंह वाला में स्थित गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब के पवित्र स्वरूप चोरी हो गए थे। 25 सितंबर 2015 को बरगाड़ी के गुरुद्वारा साहिब के पास हाथ से लिखे दो पोस्टर लगे मिले थे। ये पंजाबी भाषा में लिखे गए थे। आरोप है कि पोस्टर में अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया गया था और इन स्वरूपों की चोरी में डेरा का हाथ होने की बात लिख सिख संगठनों को खुली चुनौती दी गई थी।
12 अक्टूबर को गुरुद्वारे में माथा टेकने गए लोगों को आसपास नालियों और सड़क पर बिखरे श्री गुरु ग्रंथ साहिब के पवित्र स्वरूप के पन्ने मिले। मामले में पुलिस कार्रवाई से पहले ही बड़ी संख्या में सिख संगठनों के नेताओं ने बरगाड़ी और कोटकपुरा की मुख्य चौक पर प्रदर्शन दिया। कुछ ही घंटों में हजारों सिखों का जमावड़ा लग गया। पंजाब के अलग-अलग हिस्सों से भी गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई और गिरफ्तारी की मांग होने लगी। 14 अक्टूबर 2015 को पंजाब पुलिस ने कोटकपुरा चौक और कोटकपुरा बठिंडा रोड स्थित गांव बहबल कलां में प्रदर्शन कर रही भीड़ पर फायरिंग कर दी। इसमें दो लोगों की मौत हो गई जबकि दर्जनों घायल हुए। मृतकों में गांव सरांवा वासी गुरजीत सिंह और बहबल खुर्द वासी कृष्ण भगवान सिंह शामिल थे। तब से यह गोली कांड पंजाब सरकार के लिए सिरदर्द बना हुआ है।