देशद्रोह मामला : ‘व्यापक हित’ में हार्दिक की जमानत याचिका खारिज
अहमदाबाद: सत्र अदालत ने शुक्रवार को अहमदाबाद में देशद्रोह के एक मामले में जेल में बंद पटेल आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल और उनके दो सहयोगियों की जमानत याचिकाएं खारिज करते हुए कहा कि वे फिर इसी तरह की गैर-कानूनी गतिविधियां कर सकते हैं और गुजरात में कानून व्यवस्था में बाधा डाल सकते हैं।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एनजी दवे ने हार्दिक तथा अन्य के खिलाफ दर्ज देशद्रोह के दूसरे मामले में जमानत याचिकाएं खारिज करते हुए कहा, ‘‘अदालत समाज के व्यापक हित में आवेदकों के पक्ष में विवेकाधिकार का प्रयोग नहीं कर सकती।’’
फिलहाल जेल में बंद और देशद्रोह के आरोपों का सामना कर रहे हार्दिक और उनके सहयोगी दिनेश बंभनिया और चिराग पटेल ने पिछले महीने जमानत याचिकाएं दायर की थीं। उनकी जमानत याचिकाएं खारिज करते हुए अदालत ने कहा कि पहली नजर में आवेदकों के खिलाफ देशद्रोह का मामला बनता है।
अदालत अपराध शाखा की इस दलील से संतुष्ट थी कि आरोपियों को उन पर लगे गंभीर आरोपों को देखते हुए जमानत पर रिहा नहीं करना चाहिए। इससे पहले, सूरत सत्र अदालत ने कल सूरत पुलिस द्वारा उनके खिलाफ दर्ज देशद्रोह के एक अन्य मामले में हार्दिक की जमानत याचिका खारिज की थी।