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मरा कुत्ता भी लाखों का! रोड एक्‍सीडेंट के 8 साल बाद मालिक को मिला 3 लाख मुआवजा, देश में ऐसा पहला केस

मुंबई: महाराष्‍ट्र में 8 साल की कानूनी लड़ाई के बाद कुत्ते की मौत मामले में मालिक को मुआवजा मिला है। चंद्रपुर मोटर एक्सीडेंट क्लेम्स ट्रिब्यूनल ने बीमा कंपनी को आदेश दिया है कि वह कुत्ते के मालिक को एक लाख 62 हजार रुपये और ब्‍याज की राशि अदा करे। देश में रोड एक्सीडेंट में किसी कुत्ते की मौत पर मुआवजे का यह पहला मामला बताया जा रहा है। चंद्रपुर में साल 2013 में इस कुत्ते की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी, इसके 8 साल बाद अब इस कुत्‍ते की मौत पर बीमा कंपनी को ब्‍याज सहित करीब 3 लाख रुपये बतौर मुआवजा देने का आदेश जारी हुआ है।

कुत्‍ते के मालिक की ओर से कोर्ट में पेश वकील जयप्रकाश पांडे ने कहा, इस मामले को कोर्ट में ले जाने का मकसद पैसा नहीं था बल्कि एक सीख देना था कि सड़क पर चाहे इंसान चले या फिर जानवर उसकी सुरक्षा का ख्‍याल रखना गाड़ी चलाने वाले का काम है। कोर्ट ने हमारी बात को को तवज्‍जों देते हुए फैसला सुनाया है। उन्‍होंने कहा कि कोर्ट में पिछले 8 साल से ये मामला चल रहा था। ये लड़ाई काफी कठिन थी। बता दें कि जॉन नामके कुत्‍ते की मौत के मामले में उसके मालिक उमेश भटकर ने मोटर एक्सीडेंट क्लेम्स ट्रिब्यूनल में याचिका दायर कर 5 लाख रुपये मुआवजे की मांग की थी।

कुत्‍ते के मालिक उमेश ने बताया, यह घटना 10 जनवरी 2016 को हुई थी। उन्‍होंने बताया कि उस दिन वह सुबह के समय अपनी डॉगी को घुमा रहे थे, इसी दौरान एक स्कूल बस, जो रहीम ट्रेवल्स कंपनी चला रही, उसने कुत्‍ते को टक्‍कर मार दी। इस संबंध में दुर्गापुर पुलिस थाने में FIR भी दर्ज कराई गई थी। पंचनामा और पोस्टमॉर्टम भी करवाया था।

कुत्‍ते के मालिक ने इस मामले में बस मालिक, चालक और बीमा कंपनी को पार्टी बनाया। कुत्‍ते के मालिक ने बताया कि उनका कुत्‍ता एक कंपनी की सुरक्षा में लगा हुआ था और इससे उसे 8 हजार रुपए प्रति महीने की आमदनी होती थी। पूरा मामला जानने के बाद कोर्ट ने बीमा कंपनी को की मौत के संबंध में मुआवजा देने का फैसला सुनाया।

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