अन्तर्राष्ट्रीय

भारतीय मूल के समाजसेवी डॉ. इम्तियाज सुलेमान को मिला ‘साउथ अफ्रीकन ऑफ द ईयर’

जोहानिसबर्ग: भारतीय मूल के समाजसेवी और आपदा राहत संगठन ‘गिफ्ट ऑफ द गिवर्स’ के संस्थापक डॉ. इम्तियाज सुलेमान को ‘डेली मेवरिक’ अखबार द्वारा संचालित प्रतिष्ठित ‘साउथ अफ्रीकन ऑफ द ईयर’ पुरस्कार के लिए चुना गया है।

दक्षिण अफ्रीका और देश से बाहर के लोगों ने सुलेमान के लिए वोट किया। उप मुख्य न्यायाधीश रेमंड जोंडो दूसरे स्थान पर रहे। जोंडो ‘कमिशन ऑफ इन्क्वायरी इनटू स्टेट कैप्चर’ के प्रमुख हैं। यह आयोग सरकारी विभागों सहित सार्वजनिक क्षेत्र में धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार की जांच करता है।

सुलेमान ने केप टाउन में अल कुद्स मस्जिद में अपने स्वीकृति भाषण में दुनिया भर के मुसलमानों से इस्लाम को लेकर पूर्वाग्रह की धारणाओं को बदलने के लिए सभी समुदायों के प्रति विनम्र नजरिया अपनाने का आह्वान किया। वर्ष 1994 में तुर्की में उनके धार्मिक गुरु द्वारा ऐसा करने के लिए प्रेरित करने के बाद सुलेमान ने ‘गिफ्ट ऑफ द गिवर्स’ की शुरुआत की। सुलेमान ने उन संगठनों की निंदा की जो केवल मुस्लिम देशों में राहत प्रयासों का समर्थन करते हैं।

तब से परमार्थ और राहत संगठन ने 44 से अधिक देशों में भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं के साथ-साथ युद्धग्रस्त देशों में लोगों की सहायता और राहत कार्य किया। पश्चिम एशिया, पूर्वी यूरोप और अफ्रीका के कई देशों के अलावा ‘गिफ्ट ऑफ द गिवर्स’ की टीम ने भारत और पाकिस्तान में भी प्राकृतिक आपदाओं के दौरान सहायता की।

लगभग पूरी तरह से दान और मुसलमानों द्वारा भुगतान किए गए अनिवार्य ‘जकात’ कर पर निर्भर रहते हुए, ‘गिफ्ट ऑफ द गिवर्स’ ने मोबाइल अस्पतालों, फूड हैम्पर्स और खुदाई वाले बोरहोल्स से लेकर सूखाग्रस्त क्षेत्रों में लगभग चार बिलियन रैंड (26 करोड़ डॉलर) की सहायता प्रदान की है।

सुलेमान को उनके कार्यों के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी मान्यता मिली है। उन्हें कई पुरस्कार मिले हैं। संकट के समय में उनके संगठन द्वारा सहायता किए जाने के लिए दक्षिण अफ्रीका एवं विदेशी राष्ट्राध्यक्षों से उन्हें सराहना मिलती रही है। सुलेमान को दक्षिण अफ्रीका का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘नेशनल ऑर्डर’ भी मिला है और इस साल की शुरुआत में पश्चिमी केप प्रांत में स्टेलनबोश विश्वविद्यालय ने उन्हें ‘सोशल जस्टिस चैम्पियन’ नामित किया था।

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