हार्ट डिजीज का रिस्क और बढ़ता वजन, दोनों घटाती है दाल मखनी
हार्ट डिजीज का रिस्क और बढ़ता वजन, दोनों घटाती है दाल मखनीमूंगफली, मटर और दूसरी दालों की तरह उड़द भी सेहत के लिए बहुत अधिक फायदेमंद होते हैं। इनमें सेहत के लिए जरूरी कई विटमिन्स, प्रोटीन और मिनरल्स होते हैं। उड़द की फलियां भी सेहत के लिए बहुत अच्छी होती हैं। इन्हें अलग-अलग कल्चर में अलग-अलग तरीके से खाया जाता है। उड़द को टर्टल बीन्स और ब्लैक होल बीन्स के नाम से भी जाना जाता है।
हड्डियों को मजबूत बनाए
उड़द हमारी बोन्स को स्ट्रॉन्ग बनाने के काम करते हैं। उड़द में आयरन, फॉस्फोरस, कैल्शियम, मैग्नीशियम, मैग्नीज,कॉपर और जिंक जैसे सेहत के लिए बेहद जरूरी तत्व पाए जाते हैं। मैग्नीशियम, फॉस्फोरस और कैल्शियम हमारी बोन्स को मजबूती देने का काम करते हैं। वहीं जिंग हमारी बोन्स का स्ट्रक्चर मेंटेन करने का काम करता है।
पता होनी चाहिए यह जरूरी बात
एक रफ आइडिया पर बात करें तो हमारे शरीर का 99 प्रतिशत कैल्शियम, 60 प्रतिशत मैग्नीशियम और 80 प्रतिशत फॉस्फोरस हमारी हड्डियों में जमा होता है। हमारी हड्डियां पूरे शरीर का वेट उठा सकें और मजबूत बनी रहें, इसके लिए इन सभी तत्वों की सप्लाई बॉडी में होते रहना बहुत जरूरी है। इसके लिए सबसे आसान तरीका है कि आप उदड़ सहित अन्य दालों का भी सेवन करें। दालमखनी अक्सर खाएं।
ब्लड प्रेशर कंट्रोल करे
यूनाइटेड स्टेट फूड ऐंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन यानी एफडीए के अनुसार, हमें हर दिन 2 हजार कैलरीज की जरूरत होती है। इस हिसाब से हमारी डायट में कम से कम 25 ग्राम फाइबर हर दिन होना चाहिए। हर दिन एक कप उड़द बीन्स या 172 ग्राम बनी हुई बीन्स में 15 ग्राम फाइबर होता है।
डायबीटीज टाइप-1 और डायबीटीज टाइप-2
कई अलग-अलग स्टडीज में यह बात साबित हो चुकी है कि टाइप-1 डायबीटीज वाले लोग जो हाई फाइबर डायट लेते हैं, उनमें ब्लड ग्लूकोज लेवल कम होता है। जबकि जो लोग डायबीटीज टाइप-2 से ग्रसित होते हैं और हाई फाइबर डायट लेते हैं, उनमें ब्लड शुगर, लिपिड और इंसूलिन लेवल बेहतर हो सकता है। और उड़द में फाइबर अच्छी मात्रा में होते हैं।