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बिहार में कोरोना की बढ़ती रफ्तार को लेकर सरकार सचेत, बनेंगे प्री फैब्रिकेटेड अस्पताल

पटना। बिहार में कोरोना संक्रमण की बढ़ती रफ्तार तथा नए वेरिएंट ओमिक्रॉन की आशंका को लेकर सरकार ने तैयारी तेज कर दी है। इसको लेकर जहां सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी ऑक्सीजन पाइपलाइन बिछाई जाएगी। वहीं प्री फैब्रिकेटेड फील्ड अस्पताल बनाए जाएंगे। इसकी तैयारी प्रारंभ कर दी गई है।

स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि राज्य के चिह्न्ति सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में बिहार चिकित्सा सेवा एवं आधारभूत संरचना विकास निगम (बीएमएसआइसीएल) के माध्यम से पाइपलाइन बिछाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है। इसके लिए बीएमएसआइसीएल द्वारा निजी क्षेत्र की कंपनियों से प्रस्ताव आमंत्रित किया है।

स्वास्थ्य विभाग के अनुसार राज्य के 254 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) को ऑक्सीजन पाइपलाइन बिछाने के लिए चिह्न्ति किया गया है। इनमें सभी प्रमंडलों के प्रमुख जिलों को शामिल किया गया है। सबसे अधिक तिरहुत प्रमंडल में 56 सीएचसी में ऑक्सीजन गैस पाइपलाइन बिछाई जाएगी, जबकि सारण प्रमंडल में 27, दरभंगा प्रमंडल में 32, कोसी प्रमंडल में 17, पूर्णिया प्रमंडल में 25, मुंगेर प्रमंडल में 20, भागलपुर प्रमंडल में 14, पटना प्रमंडल में 27, मगध प्रमंडल में 36 सीएचसी में ऑक्सीजन पाइपलाइन बिछेगी।

इसके अलावा ओमिक्रॉन की आशंका को देखते हुए प्री फैब्रिकेटेड अस्पताल भी बनाए जाने की योजना बनाई गई है। बीएमएसआइसीएल द्वारा राज्य के 13 अस्पतालों में 100-100 बेड वाले, जबकि 15 अस्पतालों में 50-50 बेड वाले अस्पताल तैयार करने की योजना है। राज्य में कुल 28 ऐसे अस्पताल बनाए जाने की योजना बनाई गई है।

बताया जाता है कि मेडिकल कॉलेज, अनुमंडलीय अस्पताल, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, जिला अस्पताल परिसर में ही फील्ड अस्पताल बनाए जाएंगे। अस्पताल का निर्माण करने वाली एजेंसी को तीन साल तक इसका रख रखाव करना होगा। इन अस्पतालों में प्रत्येक बेड तक ऑक्सीजन पाइप लाइन की सुविधा होगी।

सूत्रों के मुताबिक, इन अस्पतालों के लिए स्थानों का चयन भी कर लिया गया है।

उल्लेखनीय है कि बिहार में कोरोना के मरीजों की संख्या में धीरे-धीरे बढ़ती जा रही है। इधर, पटना में कोरोना संक्रमण की बढ़ती रफ्तार को देखते हुए सार्वजनिक स्थलों पर किसी भी प्रकार के कार्यक्रम आयोजित करने के पहले जिला प्रशासन से अनुमति लेनी होगी। 31 दिसंबर से लेकर 2 जनवरी तक राज्य के सभी पार्कों और उद्यानों को बंद कर दिया गया है।

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