नयना देवी में अलर्ट, 2008 में 145 की गई थी जान, प्रशासन ने बदली व्यवस्था
श्रीनयना देवी: जम्मू कश्मीर में मां वैष्णों देवी के दर्शनों केे लिए पहुंचे श्रद्धालुओं में भगदड़ मचने से कई लोगों की मौत की दुखद सूचना मिली है। इसके बाद हिमाचल प्रदेश के जिला बिलासपुर में स्थित उत्तर भारत की प्रसिद्ध शक्ति पीठ श्रीनयना देवी में भी मंदिर व जिला प्रशासन व्यवस्थाओं को लेकर सतर्क हो गया है। गौर हो कि यहां भी वर्ष 2008 में भगदड़ मच जाने से करीब 145 लोगाें की जान चली गई थी। इसी कारण अब एहतियातन जिला बिलासपुर प्रशासन ने यहां भीड़ को नियंत्रित करने की योजना बनाई है। मंदिर परिसर में कहीं भी अधिक भीड़ जमा नहीं हो, इसके लिए भीड़ को हिस्सों में बांटकर दर्शनों के लिए भेजा जा रहा है। हालांकि मंदिर परिसर में हादसे के बाद व्यवस्थाओं को काफी दुरुस्त किया गया है, ताकि किसी भी तरह की हादसे की गुंजाइश न रहे। श्रीनयना देवी परिसर में अब कई वैकल्पिक रास्ते मंदिर में मां के दर्शनों के लिए बनाए गए हैं ।
गौर हो कि उत्तर भारत के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल श्रीनयना देवी में नव वर्ष के मेले शुरू हो गए हैं और एक व दो जनवरी को यहां हजारों भक्त शीष नवाने पहुंचते हैं । पंजाब, व हरियाणा राज्य समेत देश भर से हजारों श्रद्धालु यहां मां के दर्शनों के लिए पहुंचते हैं । मंदिर को नववर्ष के मेलों के लिए रंग बिरंगी लाईटों से एवम फूलों से दुल्हन की भांति सजाया गया है। पूरे नयना देवी क्षेत्र को सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया है तथा चप्पे चप्पे पर पुलिस पहरा लगा दिया गया है। नयना देवी मंदिर में आने वाले हर सड़क में चौकसी बढ़ा दी गयी है तथा भाखड़ा डैम केंची मोड़ तथा कोलां वाला टोबा में यात्रियों की चेकिंग करने के बाद ही भेजा जा रहा है। अस्त्र शस्त्र लेकर जाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध है। नारियल तथा कडाह प्रशाद को अंदर ले जाने पर पूरी पाबंदी लगाई गई है।
यात्रियों को निकासी रास्ते से मंदिर के लिए भेजा जा रहा है तथा पौडियों के रास्ते से यात्रियों को वापिस भेजा जा रहा है। लगभग 110 सीसीटीवी कैमरे हर गतिविधि पर नजर रख रहे हैं। वहीं न्यास ने चार दिनों के लिए अस्थायी तौर पर कर्मचारी नियुक्त किए है तथा आपात स्थिति से निपटने के लिए क्यूआरटी की गाड़ियां हर वक्त तैयार रहेंगी।मेला अधिकारी एवम एसडीएम राजकुमार तथा डीएसपी पूर्ण चंद ने हर गतिविधि पर तथा हर पहलु पर नजर रखी है तथा क्षण-क्षण की सूचनाओं का आदान प्रदान हो रहा है। एसडीएम ने कहा मंदिर में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए इन्हें कम संख्या में ऊपर दर्शनों के लिए भेजा जा रहा है, ताकि भगदड़ जैसा माहौल पैदा न हो।