नई दिल्ली: नए साल पर ताइवान ने चीन को नसीहत दी है। ताइवान ने चीन से कहा है कि आजादी अपराध नहीं है। तानाशाही के खिलाफ लोकतंत्र की जंग होगी। ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग-वेन ने शनिवार को बताया कि चीन की तरफ से मिलिट्री और डिप्लोमैटिक दबाव की वजह से ताइवान को अपनी आजादी और प्रजातंत्र को लेकर काफी दबाव का सामना करना पड़ा है।
आजादी अपराध नहीं; तानाशाही के खिलाफ जंग
नए साल के मौके पर अपने संबोधन के दौरान राष्ट्रपति ने कहा, ‘प्रजातंत्र और आजादी के लिए काम-काज करना अपराध नहीं। हॉन्ग कॉन्ग के समर्थन में ताइवान की स्थिति नहीं बदलेगी। अपनी चिंताओं को जाहिर करने के बावजूद मुश्किल से हासिल की गई अपनी आजादी और प्रजातंत्र को लेकर हम काफी गंभीर हैं और इसे एन्जॉय भी करते हैं।’ ताइवान की राष्ट्रपति ने चीन का नाम लेकर कहा कि हम ताइवान को पहले से भी बेहतर बनाएंगे। हम दुनिया को यह दिखा देंगे कि प्रजातांत्रिक ताइवान में हौसला है कि वो सत्तावादी चीन के छाया से बाहर निकल कर और भी बेहतर बन सकता है और अब हम दबाव झेल सकते हैं।
चीन, ताइवान पर जताता है हक
बता दें कि दशकों से ताइवान में अलग शासन है। बावजूद इसके चीन, ताइवान को अपना हिस्सा मानता है। चीन के आक्रामक रुख का जवाब देने के लिए ताइवान यूएस समेत कई अन्य लोकतांत्रिक देशों के साथ अपने रिश्तों को मजबूत कर रहा है। चीन ने तो ताइवान को यहां तक धमकी दी है कि उसकी आजादी का मतलब युद्ध है। चीन की तरफ से लगातार डिप्लोमैटिक दबाव बढ़ने की वजह से ताइवान की राष्ट्रपति ने कहा कि देश की आजादी, प्रजातंत्र को बचाए रखने के लिए दुनिया से जुड़ना जरूरी है। उन्होंने कहा कि दुनिया से जुड़े रहने पर हमारा आर्थिक विकास जारी रहता है, हमारा सोशल सिक्यूरिटी नेटवर्क भी मजबूत बना रहता है और इससे हमारे देश की आत्मसम्मान की भी रक्षा होती है। यही रणनीति साल 2022 में यहां स्थाई सरकार के लिए जरुरी है।
चीनी राष्ट्रपति ने कही यह बात
बता दें कि नये साल के मौके पर चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपने देश की जनता को संबोधित किया है,जिसमें चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने देश की जनता से वादा किया है, कि वो ताइवान को ‘मुख्य भूमिचीन’ में मिलाकर ही रहेंगे। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने शुक्रवार को अपने नए साल के संबोधन मेंमुख्य भूमि के साथ ताइवान के एकीकरण को “आकांक्षा” के रूप में चिह्नित किया और कम्युनिस्टपार्टी का प्रमुख लक्ष्य ताइवान पर चीन का अधिकार करना बताया।