

केबिनेट सचिव पीके सिन्हा की अध्यक्षता में शुक्रवार को यहां हुई उच्चस्तरीय बैठक में 5000 टन अरहर और 5000 टन उड़द दाल आयात करने का फैसला किया गया। इसके अलावा चना और मसूर के आयात शुल्क को अगले वर्ष अक्टूबर तक शून्य पर रखने की भी सिफारिश की गई।
घरेलू बाजार में दालों की उपलब्धता को बनाए रखने के लिए भारतीय खाद्य निगम और नेफेड जैसी एजेंसियों को दलहनों की खरीद का भी निर्देश दिया गया है।
पिछले दिनों दालों की कीमतें 200 रुपए प्रतिकिलो पहुंचने पर इसके आयात में तेजी लाई गई थी। खाद्य मंत्रालय की विज्ञप्ति के अनुसार बैठक में आवश्यक वस्तुओं की कीमतों की भी समीक्षा की गई और पाया गया कि अधिकांश वस्तुओं के मूल्य नियंत्रण में हैं। दालों और प्याज की कीमतों में कमी देखी जा रही है।