नई दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी के पंजाब में एक रैली में जाने के दौरान हुई सुरक्षा चूक को लेकर भले ही राज्य और केंद्र के बीच राजनीति चल रही है, लेकिन इंटेलिजेंस ब्यूरो ने ऐसी घटना होने की आशंका पहले ही जताई थी। आईबी ने अपनी विस्तृत रिपोर्ट में कहा था कि पीएम नरेंद्र मोदी की रैली के दौरान विरोध प्रदर्शन हो सकता है। आईबी ने कहा था कि हुसैनीवाला किसान संगठनों का गढ़ है और वहां गुजरते वक्त कुछ मुश्किलें हो सकती हैं। रिपोर्ट में कहा गया था, ‘संयुक्त किसान मोर्चा का हिस्सा रहे संगठन भारतीय किसान यूनियन क्रांतिकारी और सतनाम सिंह पन्नू के संगठन केएमएससी ने पहले ही ऐलान कर रखा है कि पीएम नरेंद्र मोदी के फिरोजपुर दौरे में वह उनका घेराव करेंगे।’
IB ने कहा था, कट्टरपंथी सिख संगठन भी कर सकते हैं प्रदर्शन
यही नहीं रिपोर्ट में कहा गया था कि किसान संगठन अब भी पीएम मोदी के खिलाफ हैं। यही नहीं कट्टरपंथी सिख संगठनों को लेकर भी आईबी ने पंजाब सरकार को चेतावनी दी थी। आईबी ने कहा था कि ये कट्टरपंथी संगठन अकसर सिख कैदियों को जेल से रिहा करने की मांग करते रहे हैं। इस मुद्दे को लेकर वह कई बार सरकार को ज्ञापन दे चुके हैं और प्रदर्शन भी किए हैं। ऐसे में कट्टरपंथी सिख संगठनों के प्रदर्शन से भी इनकार नहीं किया जा सकता।
खालिस्तानी संगठन से भी किया था आईबी ने अलर्ट
इसके अलावा आईबी ने पंजाब सरकार से इस बात को लेकर भी सतर्क रहने को कहा था कि पीएम नरेंद्र मोदी का जिस स्थान पर आयोजन है, वह पाकिस्तान की सीमा के बेहद करीब है। आईबी ने चेताया था कि खालिस्तानी संगठन सिख्स फॉर जस्टिस का नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू स्थानीय युवाओं को पैसे देकर लुभाने की कोशिशें कर रहा है।
इस बीच पंजाब सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को पीएम की सुरक्षा में चूक की रिपोर्ट भेज दी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि आंदोलनकारी किसान अचानक ही रास्ते में आ गए थे, लेकिन एफआईआर दर्ज की गई है। इसके अलावा दो सदस्यीय पैनल का भी गठन किया गया है, जिससे तीन दिनों के अंदर रिपोर्ट मांगी गई है। एक फ्लाईओवर पर पीएम नरेंद्र मोदी के काफिले के करीब 20 मिनट तक फंसे रहने को लेकर होम मिनिस्ट्री ने राज्य सरकार से रिपोर्ट तलब की थी। इस रिपोर्ट को सीएम चन्नी के साथ वरिष्ठ अधिकारियों की मीटिंग के बाद फाइनल किया गया था।