बच्चों में ओमिक्रॉन के नए लक्षण,पेरेंट्स ना करें लापरवाही
देश भर में ओमिक्रॉन के तेजी से बढ़ते मामलों के बीच पेरेंट्स की चिंता काफी बढ़ गई है. 15 साल से कम उम्र के बच्चों की वैक्सीन आने में अभी काफी समय है. ऐसे में पेरेंट्स इस बात को लेकर परेशान है कि कोरोना के इस नए वैरिएंट्स से छोटे बच्चों को कैसे बचाया जाए. इम्यूनिटी अच्छी होने के बावजूद अब बच्चों के भी कोरोना से संक्रमित होने के मामले बढ़ने लगे हैं. हेल्थ एक्सपर्ट्स बच्चों को इस वायरस से बचाकर रखने की सलाह दे रहे हैं. फिलहाल बच्चों में ओमिक्रॉन के कोई गंभीर लक्षण नहीं देखे गए हैं लेकिन अमेरिका के अस्पतालों में बच्चों की भर्ती होने की संख्या तेजी से बढ़ रही है.
बच्चों में ओमिक्रॉन के अलग लक्षण एक्सपर्ट्स का कहना है कि बच्चों में ओमिक्रॉन के लक्षण बड़ों से अलग हो सकते हैं. दक्षिण अफ्रीका के डिस्कवरी हेल्थ की एक स्टडी में पाया गया है कि ओमिक्रॉन के सबसे आम लक्षण नाक बंद होना, गले में खराश या चुभन, सूखी खांसी और पीठ के निचले हिस्से में दर्द हैं. अमेरिका के लेविन चिल्ड्रन हॉस्पिटल की डॉक्टर अमीना अहमद ने एक वीडियो में बताया, ‘बच्चों की तुलना में बड़ों में गले में खराश और कफ बहुत ज्यादा देखने को मिल रहा है. ये सुनने में आ रहा है कि ज्यादातर मामले हल्के हैं लेकिन फिर भी ये लोग बीमार पड़ रहे हैं.’
US के बाल संक्रामक रोग चिकित्सक डॉक्टर सैम डोमिंगुएज का कहना है, ‘इसमें कोई हैरानी की बात नहीं है कि ज्यादातर बच्चों को COVID-19 हो रहा है. डेल्टा की तुलना में ओमिक्रॉन ज्यादा तेज गति से फैल रहा है. यही वजह है कि ज्यादातर बच्चे इसके संपर्क में आने लगे हैं और बीमार पड़ने लगे हैं.’ एक्सपर्ट्स के अनुसार, ओमिक्रॉन कुछ बच्चों में अलग तरीके से व्यवहार कर रहा है. इससे संक्रमित कुछ बच्चों में काली खांसी (कुक्कुर खांसी) देखने को मिल रही है. इसे बार्किंग कफ भी कहते हैंं क्योंकि इसमें सांस लेते समय घरघराने या भौंकने जैसी आवाज आती है. डॉक्टर का कहना है कि श्वसन तंत्र के ऊपरी हिस्से में संक्रमण फैलने की वजह से ऐसा होता है.
डॉक्टर अमीना ने कहा, ‘बच्चों में क्रूप (croup) खांसी ज्यादा देखने को मिल रही है. इसमें फेफड़ों में नहीं बल्कि ऊपरी वायुमार्ग में सूजन होती है.’ डॉक्टर्स के अनुसार बच्चों के वायुमार्ग बड़ों की तुलना में छोटे होते हैं, इसलिए उनमें सूजन भी कम होती है.
डॉक्टर अमीना ने कहा, ‘कोविड के सामान्य लक्षणों में से कई लक्षण ओमिक्रॉन में कॉमन नहीं हैं. हमने डेल्टा और अल्फा में सुगंध और स्वाद की कमी जैसे लक्षण देखे थे लेकिन ओमिक्रॉन में ये लक्षण नहीं पाए जा रहे हैं. स्टडीज के अनुसार ओमिक्रॉन से गंभीर और अस्पताल में भर्ती होने वालों की संख्या भी अन्य वैरिएंट्स की तुलना में कम है.
कुछ बच्चों में मल्टीसिस्टम इन्फ्लेमेटरी सिंड्रोम की समस्या भी देखने को मिल रही है. इसे MIS-C भी कहा जाता है. इसमें शरीर के अलग-अलग अंगों जैसे हार्ट, फेफड़े, रक्त नलिकाओं, किडनी, पाचन तंत्र, मस्तिष्क, त्वचा या आंखों में सूजन हो सकती है.
US के अस्पतालों में बढ़ी बच्चों की संख्या- अमेरिका के सरकारी डेटा का अनुसार, यहा कोरोना से संक्रमित 5 साल से कम उम्र के बच्चों के अस्पताल में भर्ती होने के मामलों में रिकॉर्ड इजाफा हुआ है. अमेरिका में इस उम्र से कम बच्चों का वैक्सीनेशन अभी शुरू नहीं हुआ है. कुछ ऐसे ही हालात दक्षिण अफ्रीका में भी देखने को मिले थे जब ओमिक्रॉन वहां पर पीक पर था. एक्सपर्ट्स के अनुसार, ओमिक्रॉन भले ही ‘मामूली’ लगता हो लेकिन फिर ये लोगों को बीमार कर रहा है और अस्पताल पहुंचा रहा है.