कोलकाता: पश्चिम बंगाल में प्रसिद्ध कलाकार-कार्टूनिस्ट पद्मश्री से सम्मानित नारायण देबनाथ का मंगलवार को एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। वह 96 वर्ष के थे। पारिवारिक सूत्रों ने आज देबनाथ के निधन की जानकारी दी। देबनाथ ने बेले वू क्लिनिक में सुबह 10:15 बजे अंतिम सांस ली। उन्हें 24 दिसंबर को वृद्धावस्था जनित बीमारी के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
देबनाथ को गत गुरुवार को अस्पताल में ही पद्मश्री पुरस्कार से नवाजा गया था। वह बंगाली पाठकों, विशेष रूप से किशोरों के लिए एक प्रतीक थे, जिन्होंने सदियों से उनके सदाबहार कार्टून चरित्रों द्वारा प्रदान की गई खिलखिलाती हंसी का आनंद लिया है। देबनाथ बंगाली कॉमिक किरदार ‘ बंतुल द ग्रेट’ , ‘ हांडा-भोंदा’ और ‘नोंते फोंते’ के रचयिता थे। उनका करियर दो दोस्तों हांडा भोंदा (1962) की मजेदार कहानियों के साथ शुरू हुई, जो लगभग आधी सदी से भी अधिक समय तक जारी रही। एक व्यक्तिगत कलाकार द्वारा सबसे लंबे समय तक चलने वाली कॉमिक स्ट्रिप के रूप में उनका रिकॉर्ड माना जाता है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नारायण देबनाथ के निधन पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कहा, “अत्यंत दुख की बात है कि प्रख्यात साहित्यकार, चित्रकार, कार्टूनिस्ट और बच्चों की दुनिया के लिए कुछ अमर चरित्रों के निर्माता नारायण देबनाथ नहीं रहे। उन्होंने बंटुल द ग्रेट, हांडा-भोंडा, नॉनटे-फोंटे, ऐसे कार्टून बनाए थे जो दशकों से हमारे दिलों में अंकित हैं।”