प्रदेश में बच्चों गुमशुदगी की घटनाओं में लगातार इजाफा, चार हजार से ज्यादा बच्चे मिसिंग
भोपाल: मध्यप्रदेश में बच्चों गुमशुदगी की घटनाओं में लगातार इजाफा हो रहा है। मध्यप्रदेश में नाबालिग बालिकाओं के गायब होने की संख्या बालकों से अधिक है। अभी प्रदेश में 1072 गुम बालकों का कोई अता पता नहीं है तो प्रदेश में 3018 बालिकाएं अभी भी लंबे समय से गायब चल रही है।एक जनवरी 2021 से 31 दिसंबर 2021 के बीच मध्यप्रदेश में 11 हजार 458 बालक-बालिकाएं गुम हुए है। इनमें से गायब होने वाली बालिकाओं की संख्या 9540 है। जबकि गायब होने वाले बालकों की संख्या 1918 है। इस दौरान पुलिस ने 11 हजार 90 बालिकाओं और 2018 बालकों को खोजा भी है। इनमें पूर्व के वर्षो में गायब नाबालिग बच्चे भी शामिल है। अलीराजपुर, अशोक नगर और आगरमालवा का काम भी बेहतर रहा है। यहां 88 से लेकर 94 फीसदी गायब बच्चों को पुलिस ने खोज निकाला है।
इंदौर, बैतूल पुलिस ने किया बेहतर काम
गुम बालक-बालिकाओं को खोजने के मामले में इंदौर और बैतूल पुलिस ने बेहतर काम किया है। इंदौर में कुल 1434 बच्चे गायब थे इनमें से 1003 बच्चों को पुलिस ने खोज निकाला है। गुम बच्चों को खोजने के मामले में संख्या के हिसाब से इंदौर पुलिस सबसे आगे है। दूसरे नंबर पर भोपाल पुलिस का काम रहा है। कुल 825 बच्चे गायब थे इनमें से 639 को खोज निकाला गया है। जबलपुर पुलिस ने गायब 855 बच्चों में से 549 बच्चों को खोज निकाला है। धार में 692 में से 546 और सागर पुलिस ने गायब 648 में से 533 बच्चों को खोज निकाला है। प्रतिशत के आधार पर बैतूल जिले ने सर्वाधिक 97.27 प्रतिशत बच्चे खोज निकाले है। देवास ने 94.08 प्रतिशत बच्चे खोज निकाले है।
पुअर परफारमेंस वाले फाइव जिले
गायब बच्चों को ढूंढने में जो पांच जिले सबसे पीछे रह गए है उनमें श्योपुर में केवल 35, आगरमालवा में 46, दतिया में 65, निवाड़ी में 66, बुरहानपुर में 85 बच्चों को खोजा गया है।