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सेहत के ल‍िए हरा आलू है बुरा, जानें कब नहीं खाना चाहिए?

आलू हर घर में सामान्‍य तौर पर इस्‍तेमाल की जाने वाली एक आम सब्‍जी है, कोई भी सब्‍जी क्‍यों न हो आलू के बगैर उसका मजा नहीं आता है। लेकिन आलू की सब्‍जी का इस्‍तेमाल करते हुए भी आपको खास ध्‍यान रखने की जरुरत होती है वरना ये आपकी तबीयत बिगाड़ सकती है। अगर आलू के मूलरुप में बदलाव आ जाए तो इस सब्‍जी को खाने से परहेज ही करना चाह‍िए। आलू वैसे तो हल्का मटमैला या भूरा होता है।

यदि आलू का रंग भूरे से अलग हो कर हरा, बैगनी या काला होने लगे तो समझ जाइए कि ये सब्‍जी अब खाने लायक नहीं रही है। इसमें न्यूरोटॉक्सिन की मात्रा बढ़ गई है। जिस वजह से इसे खाने से कई समस्‍याएं हो सकती है। आइए जानते है कि किस तरह के आलू खाने से बचना चाहिए और इन्‍हें खाने से क्‍या- क्‍या समस्‍याएं हो सकती हैं?

हरा आलू है खतरनाक
आलू का रंग अगर हरा नजर आए तो समझ लें ये खराब हो गया है। हरा आलू कैंसर का कारण होता है। हरा आलू तब होता है जब वह मिट्टी से बाहर निकल जाता है और सूर्य की किरण उसपर सीधी पड़ती है, इससे आलू में सोलनिन लेवल बढ़ जाता है। आलू को हमेशा कम रोशनी तथा ठंडे स्‍थान में रखें, इससे वह ठीक रहते हैं और लंबा चलते हैं।

हो सकता है कैंसर
हरे आलू में क्लोरोफिल और सोलनिन नामक एसिड की मात्रा बढ़ने से इसे खाने से उल्‍टी, डायरिया, सिरदर्द या फिर कैंसर तक हो सकता है।

कब दिखने लगता है असर
हरे रंग का आलू खाने के 30 मिनट बाद असर दिखना शुरु हो जाता है। कभी कभी इसमें 8-12 घंटे भी लग सकते हैं। गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल और न्यूरोलॉजिकल लक्षण सबसे पहले नोटिस किये जा सकते हैं।

न खाएं सिकुडे़ हुए आलू
कई बार आलू रखे-रखे सिकुड़ जाता है। ऐसा तभी होता है जब आलू काफी दिन तक रखा रह गया हो। सिकुड़े हुए आलू खाना भी सेहत के ल‍िए खतरनाक हो सकता है क्‍योंकि इसे खाने से शरीर में टॉक्सिन फैलने लगता है।

अंकुर‍ित आलू भी न खाएं
अंकुर‍ित आलू का खाना भी सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है। अंकुर‍ित आलू में सोलनिन और चासोनिन का बढ़ने से ये ग्लाइकोलोकॉल्ड्स नामक एसिड बदल जाता है। यह नर्वस सिस्टम के लिए बहुत हानिकारक होता है। अंकुरित आलू उगाने के लिए तो ठीक हैं लेकिन खाने के लिए नहीं।

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