जामिया में मेडिकल कॉलेज के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने दी सहमति
नई दिल्ली । दिल्ली स्थित केंद्रीय विश्वविद्यालय ‘जामिया मिलिया इस्लामिया’ लंबे समय से एक मेडिकल कॉलेज की राह देख रहा है। विश्वविद्यालय ने इस संबंध में प्रस्ताव भी पारित किया है। अब स्वयं प्रधानमंत्री मोदी की ओर से जामिया में मेडिकल कॉलेज बनाए जाने की सहमति प्रदान की गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जामिया मिलिया इस्लामिया में एक मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए अपनी सहमति जताई है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने यह आशा व्यक्त की कि वर्तमान कुलपति के कार्यकाल के दौरान ही इसे शुरू किया जाएगा।
इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्य अतिथि के रूप में जामिया विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में भाग लेने की इच्छा जताई। पहले भी शताब्दी वर्ष में दीक्षांत समारोह में उनके शामिल होने की उम्मीद थी, लेकिन महामारी के कारण यह आयोजित नहीं किया जा सका। प्रधानमंत्री से मुलाकात के उपरांत यह जानकारियां विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर नजमा अख्तर ने दी। गौरतलब है कि जामिया मिलिया इस्लामिया की कुलपति प्रोफेसर नजमा अख्तर ने प्रधानमंत्री आवास पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। प्रोफेसर नजमा अख्तर को हाल ही में पद्मश्री से सम्मानित किए जाने की घोषणा की गई है। कुलपति ने पीएम के साथ कई अहम मुद्दों पर चर्चा की। पिछले दो वर्षों में कुलपति की प्रधानमंत्री के साथ यह दूसरी मुलाकात है।
कुलपति ने कहा कि यह देखकर बहुत खुशी हुई कि प्रधानमंत्री नैक द्वारा ए प्लस प्लस सहित विश्वविद्यालय की हालिया उपलब्धियों के प्रति जागरूक दिखे। उन्होंने कहा कि हमारे लिए यह काफी उत्साहजनक है कि प्रधानमंत्री पिछले कुछ वर्षों में विश्वविद्यालय के बेहतर प्रदर्शन से खुश हैं। पीएम ने प्रोफेसर अख्तर को उपलब्धियों के लिए बधाई दी और विश्वविद्यालय को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए उनकी प्रशंसा की।
प्रोफेसर अख्तर ने उन्हें नैक प्रत्यायन प्रक्रिया और ग्रेडिंग के लिए अपनाये जाने वाले मानकों के बारे में जानकारी दी और उन्हें विश्वविद्यालय की वार्षिक रिपोर्ट भी प्रदान की। पिछली बैठक की तरह, प्रधानमंत्री ने फिर से विश्वविद्यालय में एक मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए अपनी सहमति जताई और आशा व्यक्त की कि वर्तमान कुलपति के कार्यकाल के दौरान ही इसे शुरू किया जाएगा।
प्रोफेसर अख्तर ने कहा कि प्रधानमंत्री ने एक बार फिर मुख्य अतिथि के रूप में विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में भाग लेने की इच्छा जताई। पहले भी शताब्दी वर्ष में दीक्षांत समारोह में उनके शामिल होने की उम्मीद थी, लेकिन महामारी के कारण यह आयोजित नहीं किया जा सका। प्रधानमंत्री ने कुलपति से मुस्लिम महिलाओं के शैक्षिक उत्थान के लिए और अधिक काम करने और एनईपी के प्रभावी क्रियान्वयन की दिशा में कार्य करने को कहा। कुलपति ने प्रधानमंत्री को आश्वासन दिया कि वह राष्ट्र के संबंध में वांछित परिवर्तन के लिए उनकी अपेक्षाओं को पूरा करने की दिशा में कड़ी मेहनत करेंगी।
इस बीच जामिया मिलिया इस्लामिया में हिंदी भाषा को भी विशेष महत्व दिया जा रहा है। यहां वरिष्ठ कवि-आलोचक प्रोफेसर चंद्रदेव सिंह यादव केंद्रीय हिंदी विभाग के नए विभागाध्यक्ष बनाए गए हैं। सोमवार को जामिया की कुलपति प्रोफेसर नजमा अख्तर ने प्रोफेसर यादव के नाम की संस्तुति की। 2 फरवरी को चंद्रदेव यादव पद ग्रहण करने के बाद हिंदी विभाग की जिम्मेदारी संभाली। प्रोफेसर यादव कविता, आलोचना, पत्रकारिता और मीडिया की भाषा जैसे कई विषयों के विशेषज्ञ हैं। वे लोक साहित्य के भी मर्मज्ञ हैं। उनकी अब तक एक दर्जन किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं। यूजीसी और सीईसी के लिए एम.ए. और बी.ए. स्तर के ई-पाठ लेखन परियोजना से वे जुड़े रहे हैं।