दिल्ली

कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज के बाद बूस्टर डोज दिए जाने में समय अंतराल को कम करने संबंधी याचिका हाई कोर्ट में खारिज

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने कोराना वैक्सीन की दूसरी डोज के बाद बूस्टर डोज दिए जाने के लंबे अंतराल में कमी करने संबधी याचिका को शुक्रवार को खाारिज कर दिया। इस जनहित याचिका में याचिकाकर्ता ने कहा था कि फ्रंटलाइन वर्कर्स और वरिष्ठ नागरिकों को काफी अंतराल के बाद बूस्टर डोज दी जा रही है। यह अंतराल नौ माह का है।

मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने हालांकि,याचिकाकर्ता की ओर से पेश अधिवक्ता आदित्य लारोइया से कहा कि इस मामले में नीतियां उन डॉक्टरों द्वारा बनाई गई हैं जो विषय विशेषज्ञ हैं और उच्च न्यायालय ऐसे मामलों में बहुत ही कम दखल देगा। इस मामले में जब अधिवक्ता ने बताया कि पड़ोसी देश श्रीलंका में दूसरी डोज के बाद तीन महीने का अंतराल है, तो पीठ ने कहा कि आम लोगों को विदेश नीतियों पर चर्चा करना अच्छा लगता है।

न्यायालय ने कहा कि पूरी जानकारी जुटाए बगैर रिट याचिका दायर नहीं की जा सकती है और इसके बाद याचिका वापस ले ली गई। वर्तमान दिशानिर्देशों के अनुसार, एहतियाती डोज उन्हीं लोगों को दी जा सकती है जिनकी दूसरी डोज को लगे हुए नौ माह या 39 सप्ताह हो गए हैं। स्वास्थ्य कर्मियों, अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं और सह-रुग्णता वाले 60 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों के लिए बूस्टर डोज के लिए पंजीकरण 8 जनवरी को कोविन पोर्टल पर शुरू हो गया है।

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