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झारखंड में भ्रष्टाचार और घोटालों पर झामुमो-बीजेपी में छिड़ी जुबानी जंग, सीएम हेमंत और पूर्व सीएम रघुवर हुए आमने-सामने

रांची। झारखंड में सत्ताधारी पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा और मुख्य विपक्षी पार्टी भारतीय जनता पार्टी के बीच पिछले एक हफ्ते से जोरदार जुबानी जंग छिड़ी हुई है। मुद्दा भ्रष्टाचार और घोटाले का है और इसमें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास भी आमने-सामने हैं। दोनों एक-दूसरे पर किस्म-किस्म के आरोप उछाल रहे हैं। एक तरफ आरोपों की जांच की मांग उठ रही है, तो दूसरी तरफ जांच के लिए पुरानी फाइलें भी निकाली जा रही हैं।

गुरुवार की शाम मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 2016 में झारखंड राज्य स्थापना दिवस के मौके पर हुए कार्यक्रम के नाम पर कथित तौर पर करोड़ों रुपये के गलत भुगतान की एंटी करप्शन ब्यूरो से जांच के आदेश दिये। उस वक्त राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास थे। जैसा कि आरोप है, झारखंड स्थापना दिवस के नाम पर स्कूली बच्चों के बीच टी-शर्ट, टॉफी और मिठाई बांटने के नाम पर तीन करोड़ से भी ज्यादा की रकम का गलत भुगतान किया गया। स्थापना दिवस पर प्लेबैक सिंगर सुनिधि चौहान का भी कार्यक्रम हुआ था। शिकायत है कि उनके कार्यक्रम के नाम पर तय राशि से लगभग दस लाख रुपये ज्यादा खर्च किये गये। यह मामला झारखंड विधानसभा में भी उठ चुका है। पिछले विधानसभा चुनाव में रघुवर दास को हराने वाले निर्दलीय सरयू राय इस मुद्दे को लेकर लगातार हमलावर रहे हैं।

मामले की जांच का आदेश आया तो रघुवर दास की इसपर पहली प्रतिक्रिया थी- खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे। उन्होंने कहा कि हाल में मैंने सरकार की गड़बड़ियों, लूट और घोटालों के मामले उठाये थे। लगता है मेरा निशाना सही जगह पर लगा है। हमने पांच साल ईमानदार सरकार दी थी, फिर भी हर तरह की जांच का स्वागत है।

रघुवर दास ने इसके पहले बीते 28 जनवरी को रांची प्रेस क्लब में एक प्रेस कांफ्रेंस कर हेमंत सोरेन सरकार पर आरोप लगाया था कि राज्य में सरकारी संरक्षण में बालू, पत्थर, कोयला, खनिज पदार्थों का अवैध धंधा खुलेआम चल रहा है। उन्होंने हेमंत सोरेन और उनके भाई बसंत सोरेन के निर्वाचन क्षेत्र के कई मामले रखे थे और कुछ पुराने मामलों का हवाला देते हुए सरकार को कठघरे में खड़ा किया था। हेमंत सोरेन ने रघुवर के इन आरोपों पर तत्काल सीधे कोई प्रतिक्रिया नहीं व्यक्त की, लेकिन 2 फरवरी को दुमका में अपनी पार्टी के स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रमों में रघुवर दास की पुरानी सरकार पर आरोपों की बौछार कर दी। हेमंत ने कहा कि रघुवर दास की सरकार ने राज्य को पीछे धकेल दिया। राज्य का खजाना फूंक डाला। खौफ और आतंक का माहौल पैदा कर दिया।

इस वाक युद्ध में दोनों पक्ष के सिपहसालारों और नेताओं-कार्यकतार्ओं ने भी इस जंग में अपने-अपने हिसाब से मोर्चे संभाल लिये हैं। इसी कड़ी में शुक्रवार को भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने धनबाद में हाल में अवैध खनन के दौरान चाल धंसने से लगभग एक दर्जन लोगों की मौत की घटना पर प्रेस कांफ्रेंस की और सरकार को कोयला लुटेरों की सरपरस्त करार दिया। मरांडी ने कोयला लूट की सीबीआई जांच की मांग भी उठायी। इसके जवाब में कुछ ही घंटे बाद झामुमो के केंद्रीय महासचिव और प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने प्रेस कांफ्रेंस की। उन्होंने कहा कि वे पार्टी की ओर से सीएम हेमंत सोरेन से मांग करते हैं कि वे रघुवर दास सरकार के कार्यकाल में लिये गये तमाम निर्णयों और कामकाज की समीक्षा करें और बड़े पैमाने पर हुई गड़बड़ियों की जांच करायें।

कुल मिलाकर, आसार यही हैं कि राज्य में सियासी आरोप-प्रत्यारोप और जुबानी जंग का यह सिलसिला और तेज हो सकता है। भ्रष्टाचार और घोटालों के किस्से जब निकले हैं तो बात दूर तलक जायेगी।

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