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बिहार में कोरोना की रफ्तार पड़ी सुस्त, सियासी कार्यक्रमों की सुगबुगाहट हुई तेज

पटना। बिहार में कोरोना की तीसरी लहर की समाप्ति की संभावना के बाद अब एक बार फिर से नेताओं के सियासी कार्यक्रमों की सुगबुगाहट प्रारंभ हो गई है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक बार फिर से समाज सुधार अभियान यात्रा पर निकलेंगे तो विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने भी बेरोजगारी यात्रा की तैयारी शुरू कर दी है। कोरोना की तीसरी लहर में संक्रमित की संख्या बढ़ने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत राज्य सरकार के कई मंत्री पॉजिटिव हो गए। इसके बाद राज्य में लगभग सभी बड़े सियासी आयोजनों को रद्द कर दिया गया।

मुख्यमंत्री का जनता दरबार कार्यक्रम हो या समाज सुधार अभियान यात्रा तत्काल रोक दी गई। अब कोरोना मरीजों की कमी के बाद इन कार्यक्रमों की फिर से शुरूआत हो रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 22 फरवरी को भागलपुर से फिर से अपनी समाज सुधार अभियान यात्रा की शुरूआत करेंगे। मुख्यमंत्री 22 फरवरी को भागलपुर, 23 फरवरी को जमुई और 26 फरवरी को बेगूसराय पहुंचेंगे। इन तीनों जगहों पर मुख्यमंत्री जनसभा को संबोधित करेंगे।

उल्लेखनीय है कि चार जनवरी को औरंगाबाद में जनसभा के बाद मुख्यमंत्री के समाज सुधार अभियान को रोक दिया गया था। इधर, कोरोना गाइडलाइन में रियायत मिलने के बाद एक बार फिर से जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम की शुरूआत होगी। मुख्यमंत्री 14 फरवरी को जनता दरबार में हाजिर होंगे और लोगों की समस्या सुनेंगे। इधर, विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव भी अब एक बार फिर मैदान में उतरने की तैयारी में जुट गये हैं। सरकार ने कोरोना की स्थिति को देखते हुए पाबंदिया घटायी तो नेता प्रतिपक्ष भी अब बेरोजगारी हटाओ रैली की तैयारी में जुट गए हैं।

तेजस्वी इस दौरान राज्य के विभिन्न इलाकों में जाकर लोगों से संवाद करेंगे और अंत में गांधी मैदान में रैली का आयोजन होगा। तेजस्वी इस यात्रा के तहत सरकार को रोजगार के मुद्दे पर घेरेंगे। इस बीच, राजद की 10 फरवरी को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक भी होने वाली है। लोजपा (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान भी कोरोना के शांत होने के बाद अपनी सक्रियता बढ़ाने वाले हैं। चिराग 15 फरवरी को राजभवन मार्च करेंगे। सरकार की नीतियों के खिलाफ चिराग पासवान यह मार्च निकालकर राज्यपाल को एक ज्ञापन सौंपेंगे।

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