मई में गिराए जाएंगे नोएडा के TwinTowers, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद लिया गया फैसला
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद नोएडा में सुपरटेक एमराल्ड की बनाई गई अवैध 40 मंजिला इमारत को गिराए जाने का रास्ता साफ हो गया है। बुधवार को नोएडा अथॉरिटी में सभी स्टेकहोल्डर की बैठक के बाद यह तय किया गया है कि 22 मई को उस इमारत को जमींदोज किया जाएगा।
नोएडा अथॉरिटी की बैठक में बिल्डिंग को गिराने वाली मुंबई की कंपनी एडिफिस, सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट के ट्विन टावर के बगल की सोसायटी में रहने वाले आरडब्ल्यूए के सदस्य, और तमाम प्रशासनिक अधिकारियों ने यह तय किया है कि 22 मई को गैर कानूनी इमारत गिराई जाएगी। इसी आरडब्ल्यूए के लोगों ने सुपरटेक द्वारा ट्विन टावर बनाए जाने का विरोध किया था और मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा था।
अथॉरिटी की बैठक में शामिल एमेरल्ड सोसायटी के आरडब्लूए चेयरमैन उदय भान सिंह तेवतिया ने बताया कि 22 मई को विस्फोट के जरिए इमारत को गिराया जाएगा, लेकिन अगर किसी स्थिति में कोई बाधा आती है तो ऐसे में जमींदोज की पूरी प्रक्रिया 22 मई के बाद 1 सप्ताह के भीतर ही पूरी कर ली जाएगी।
इस ऊंची इमारत को विस्फोट तकनीक के जरिए गिराया जाएगा। ऐसे में 2 फीट की दूरी पर बनी एमराल्ड की ही दूसरी सोसायटी में रहने वाले लोगों की सुरक्षा का मसला जरूर खड़ा हुआ था। हालांकि यहां के वासियों के साथ पिछली मीटिंग में डिमोलिशन कंपनी ने प्रेजेंटेशन देकर यह आश्वासन दिया था कि 9 मीटर का गैप काफी ज्यादा है, ऐसे में यहां रहने वाले लोगों को नुकसान नहीं होगा।
वहीं सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि ट्विन टावर को तोड़ने में जो भी खर्च आएगा, उसे भी बिल्डर कंपनी को ही वहन करना होगा। पता चला है कि दोनों टावर तोड़ने के लिए मुंबई की एडिफिस एजेंसी करीब 17.55 करोड़ रुपये सुपरटेक बिल्डर से लेगी। इसमें करीब 13.35 करोड़ रुपये का मलबा निकलेगा। ऐसे में बिल्डर कंपनी एडिफिस को करीब 4.20 करोड़ रुपये का भी भुगतान करेगी।