मालासन विधि ऑफिस में काम करने वालों के लिए बहुत ही फायदेमंद है, जो की शरीर और मन दोनों की क्षमता बढ़ाता है |यह आसन पैरों,जांघों और घुटने को लचीला बनाता है |
मालासन विधि
दोनों पैरों के बीच करीब दो फीट की दूरी रखते हुए खड़े हों। दाहिने पैर का पंजा दायीं ओर और बाएं पैर का पंजा बायीं ओर मुड़ा हुआ हो। इस अवस्था में थोड़ा झुकें, मानो आप कुर्सी पर बैठे हुए हैं। दोनों हाथों से प्रणाम की मुद्रा इस प्रकार बनाएं कि दोनों कोहनियां कंधे के समानांतर लगें। अब जांघों को फैलाए रखते हुए, धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए अपनी कमर को और नीचे लाएं और बैठने की कोशिश करें ।
मालासन के फायदे
- जांघ और पेट की चर्बी कम होती है।
- गर्भाशय संबंधी तकलीफ, अपच, जोड़ों में दर्द और जांघों के खिंचाव में लाभदायक है।
- गर्भपात की समस्या दूर होती है।
- मानसिक और शारीरिक संतुलन सधता है।
- बिना किसी सहायता के तेजी से खड़ा होना संभव बनाता है।
- नितम्बों के जोड़ों को लचीला बनाता है।
- पैर, कंधे, गर्दन और पीठ की मांसपेशियों का ढीलापन दूर होता है। पीठदर्द खास तौर से
दूर होता है। पाचन शक्ति बढ़ती है और शरीर में ऊर्जा का संचार होता है। - गर्दन के आसपास की जकड़न की समस्या दूर होती है।
मालासन करते समय सावधानियाँ
- सुबह-शाम कभी भी कर सकते हैं, लेकिन खाली पेट ही करें।
- इस योगासन को करते हुए एड़ी पर दबाव पड़ने से उसमें मोच आ सकती है।
- कूल्हे या घुटने में दर्द की समस्या हो तो इस आसान को न आजमाएं।
- आसन प्रारंभ करने से पूर्व थोड़ा वार्मअप कर लें, जिससे मांसपेशियां लचीली हो जाएं।