दिल्लीराज्य

दिल्ली में अब भी बना हुआ है ठंड का तेज असर, हवा चलने से हो रहा प्रदूषण के स्तर में सुधार

नई दिल्‍ली । देश की राजधानी दिल्ली (Delhi) में सोमवार सुबह एक्यूआई मध्यम श्रेणी में (Pollution Level Improve) 149 दर्ज किया गया. वही राजधानी में रविवार को मौसम (Delhi Weather) खुशनुमा रहा और न्यूनतम तापमान (Minimum Temperature) 11.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार सुबह साढ़े आठ बजे ह्यूमिडिटी 83 प्रतिशत दर्ज की गई. मौसम (Weather) वैज्ञानिकों ने आसमान मुख्य रूप से साफ रहने और दिन में तेज सतही हवाएं चलने का अनुमान जताया है.

शहर में अधिकतम तापमान 25 डिग्री सेल्सियस के आस-पास रहा. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) मध्यम श्रेणी में दर्ज किया गया. शहर में सुबह नौ बजे एक्यूआई 175 दर्ज किया गया. इसके अलावा, फरीदाबाद (171), गाजियाबाद (185), गुड़गांव (214), नोएडा (143) और ग्रेटर नोएडा (128) का एक्यूआई खराब और मध्यम श्रेणियों के बीच दर्ज किया गया.

शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 और 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 और 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 और 300 के बीच ‘खराब’, 301 और 400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401 और 500 के बीच एक्यूआई को ‘गंभीर’ माना जाता है. दिल्ली में शनिवार को अधिकतम तापमान 25.6 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 10.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था.

इसके बाद 23 फरवरी से हवा की गति कम होगी और वायु गुणवत्ता सूचकांक फिर खराब श्रेणी में पहुंचने की संभावना है. मौसम विभाग के अनुसार अगले हफ्ते हवाएं चलेंगी और सुबह-शाम ठंड रहेगी. रविवार को दिनभर हवा चलने से वातावरण में प्रदूषक के तत्व कम हुए हैं. रविवार को पीएम 10 मध्यम श्रेणी में 153 और पीएम 2.5 भी मध्य श्रेणी में 75 दर्ज किया गया. वहीं 21 फरवरी को पीएम 10 मध्यम 138 और पीएम 2.5 मध्यम श्रेणी में 68 रहने के आसार हैं. वहीं रविवार को सबसे ज्यादा वायु गुणवत्ता सूचकांक 309 द्वारका का और सबसे कम पुसा में 107 दर्ज किया गया.

मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार अभी सुबह-शाम ठंड रहेगी. दिन में धूप के साथ 20 से 30 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी. इससे बचाव करने की जरूरत है. सुबह बेहद हल्का कोहरा रहेगा. सैर पर जाते हुए अपना बचाव करें. तेज हवाएं चलने से जरूर वातावरण में प्रदूषण तत्व कम होंगे और वायु गुणवत्ता सूचकांक नियंत्रित रहेगा.

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