नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के टॉप ऑफिसर राजेंद्र कुमार पर सीबीआई की रेड के पीछे क्या आप जानते हैं कि कौन है? यह शख्स हैं आशीष जोशी, जिन्हें कभी आम आदमी पार्टी (AAP) के पसंदीदा प्रोजेक्ट ‘दिल्ली डॉयलॉग कमीशन’ के लिए चुना गया था।
दरअसल, आशीष जोशी ने ही केजरीवाल के प्रिंसिपल सेक्रेट्री राजेंद्र कुमार की शिकायत की थी। इसके बाद ही दिल्ली सचिवालय स्थित सीएम कार्यालय पर सीबीआई द्वारा छापेमारी की गई।
अप्रैल में जोशी को हटा दिया गया था…
यहां बता दें कि जोशी को केजरीवाल ने अप्रैल में दिल्ली डॉयलॉग कमीशन के सदस्य और सचिव पद से हटा दिया था। इस कमीशन का उद्देश्य गुड गर्वनेंस की दुनियाभर के सबसे बेहतरीन चलनों, नियमों और कानूनों से सरकार को अवगत करवाना था। इसका काम नए और बड़े तौर-तरीकों से आप पार्टी को अवगत करवाना था। इसके बाद कमीशन के हेड खुद केजरीवाल बने और आशीष खेतान को इसका वाइस चेयरपर्सन बनाया गया।
जोशी ने कहा, वे मेरे दफ्तर में घुसे और धमकाया
अपनी नियुक्ति के महीने भर के भीतर पद से हटा दिए जाने का जोशी की ओर से खूब विरोध किया गया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि आप के नेताओं के लगातार हस्तक्षेप के चलते वह आप से दूर हुए। जोशी ने NDTV से कहा- मुझे आशीष खेतान और संजय सिंह द्वारा धमकाया गया। वे मेरे कार्यालय में आप के वॉलिंटयर्स के साथ घुसे और मुझे धमकाया भी गया।
वहीं दिल्ली सरकार ने जोशी को लिखे लेटर में कहा कि वे अपने कार्यालय (टेलिकॉम डिपार्टमेंट) के प्रांगण में सिगार पीते हुए और तंबाकू चबाते हुए कई बार देखे गए। उन पर यह भी आरोप लगाया गया कि वह अपने वरिष्ठों से सलाह मशविरा किए बगैर मीडिया से बात करते हैं और उन्होंने अपनी मर्जी से अपना स्टाफ तक रख लिया है।
…मानो मैं आतंकी हूं और भाग जाऊंगा
जोशी ने हटाए जाने के समय संवाददाताओं से चर्चा में कहा था, ‘मुझे कोई कारण नहीं बताया गया। 18 अप्रैल को शाम करीब 9 बजे एक विशेष संदेशवाहक हटाए जाने के आदेश के साथ मेरे पास आया। यह सब ऐसा था मानो मैं आतंकी हूं और भाग जाऊंगा। मुझे बताया गया कि मेरे खिलाफ एक शिकायत है कि मैं सिगार पीता हूं और तंबाकू खाता हूं। यह मेरी निजी जिंदगी है, वैसे भी मैंने यह ऑफिस में कभी नहीं किया।’
बेदखल किए जाने के बाद जोशी ने आप सरकार पर कई आरोप लगाए और कहा कि यह सरकार अपने अंदर ही व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रही। उन्होंने जुलाई में शिकायत दी जिसमें आरोप लगाया गया कि राजेंद्र कुमार ने टेंडर के बिना ठेके हासिल करने के लिए अपने दोस्तों के साथ मिलकर एक कंपनी बनाई है जिससे सरकार को खासा नुकसान हो रहा है।