गर्भवती में जरुरी आहार क्या होना चाहिए गर्भवती स्त्री और उसके होने वाले बच्चे के स्वास्थ्य के लिए बहुत जरुरी होता है | क्योकि एक स्वस्थ Healthy pregnancy diet ही योजना बद्ध तरीके से सभी जरुरी प्रोटीन, विटामिन, कैलोरी तथा अन्य खनिजो को भोजन के द्वारा गर्भस्थ स्त्री के शरीर तक पंहुचाने का रास्ता दिखाता है |
एक सही “Pregnancy Food Guide” में आपको सुबह के नाश्ते , दोपहर के खाने यानि लंच और रात के खाने में क्या खाना चाहिए तथा क्या नहीं खाना चाहिए के बारे विस्तारपूर्वक दिशा निर्देश होने चाहिए |अगर आप एक स्वस्थ बच्चे को जन्म देना चाहती हैं, तो अपनी सेहत की ओर ध्यान दीजिए। अगर आपकी सेहत अच्छी होगी तभी बच्चा भी सेहतमंद होगा ! इसलिए आपको एक गर्भावस्था के अनुरूप बना हुआ एक Healthy pregnancy Diet प्लान का चुनाव करना चाहिए तथा उसी के अनुसार अपना भोजन लेना चाहिए, इस से आपके शरीर में उर्जा का संचार होगा ही साथ ही साथ अन्य प्रसव संबंधित जटिलताओं से भी निजात मिलेगी ।
तो आइये जानते है गर्भावस्था में भोजन संबंधी सभी जरुरी जानकारियां एक संतुलित Pregnancy Diet Chart के साथ |
- गर्भावस्था में चाय-कॉफी के बजाय दूध, फल और सब्जियां खूब लें। तला भुना खाने से बचें। Protein युक्त भोजन लें। और इस दौरान वजन कम करने की सोचें भी नहीं।
- गर्भ धारण के बाद भोजन 200-300 केलोरीज ही ज्यादा लेना अच्छा रहता है बहुत ठूंस – ठूंस कर नहीं खाना चाहिए।
- अगर आपका आहार संतुलित होगा , तो ही आपकी व बच्चे की सेहत सुरक्षित रहेगी इसीलिए आपके भोजन में Folic Acid, Calcium, Iron, Zinc, Protein, Phosphorus, Vitamin D और ओमेगा 3 Omega Fatty Acids का होना जरुरी होता है | इन तत्वों को लेने से खून में Hemoglobin बढ़ता है। और मिस कैरिज का डर नहीं रहता है।
- इन सब विटामिन के कुदरती स्रोत के रूप में हरी पत्तेदार सब्जियां, मटर, फूलगोभी, शिमला मिर्च, बादाम, काजू, मूंगफली, तरबूज, केला व संतरा खाएं। इनके अलावा पालक, चुकंदर, broccoli ,शलगम कद्दू राजमा दाले , दही, फैट फ्री मीट , अंडे का सफ़ेद भाग , दूध-मट्ठा, पनीर, सोयाबीन, बीन्स, और साबुत अनाज लें।
- अगर आप नॉन वेज भोजन खाती है तो आपको अपने Pregnancy Diet Chart में मांस, अंडा, मछली शामिल करना चाहिए क्योंकि ये सब प्रोटीन, आयरन और जिंक का अच्छा स्रोत है | प्रोटीन शरीर के अंगो के बनावट के लिए बहुत जरुरी होता है | सही प्रोटीन की मात्र एक ग्राम प्रोटीन प्रति किलो वजन के फॉर्मूले के हिसाब से होती है | मान लीजिये अगर किसी का वजन 50 किलो है तो उसको 50 ग्राम प्रोटीन सामान्य अवस्था में चाहिए ,गर्भावस्था के दौरान 15 ग्राम प्रतिदिन के हिसाब से और जोड़ लीजिये तो एक 50 किलो वजनी गर्भवती स्त्री को 65 ग्राम प्रोटीन प्रतिदिन लेना चाहिए |
- मकई, गेंहू और दूसरे साबुत अनाज से बना हुआ दलिया फाइबर से भरपूर होता है उसे अपने Pregnancy diet chart में अवश्य शामिल करें | चाहे तो पोपकोर्न और भुना हुआ मकई भी लें सकती है !
- Oat में फाइबर, आयरन ,विटामिन बी होता है इसलिए सुबह के नाश्ते में एक बाउल ओट्स लें।
- दूध, दही और पनीर और अन्य डेयरी उत्पाद प्रोटीन, कैल्शियम, फास्फोरस और विटामिन का अच्छा स्रोत होते है | इन्हें लेने से बच्चे की ग्रोथ में मदद मिलती है, उसकी हड्डियां व दांत मजबूत होते है। इनसे उसके दिल की मसल्स व नसों के विकास में अच्छी मदद मिलती है डेयरी उत्पाद लेने से उसकी मांसपेशिया बनने के अलावा किडनी के फंक्शन व दिल की धड़कन सामान्य बनी रहती है। इन्हें लेने से बच्चे का ब्रेन, नर्वस सिस्टम व आँखे बनने में सहायता मिलती है और “ Postpartum Depression“ होने का खतरा टलता है !
गर्भवती महिला को क्या नहीं खाना चाहिए :
- सबसे पहले तो कॉफी, चाय, कोला-पेप्सी या जंक फूड जैसी चीजों खाने पीने से बचें। मां के ज्यादा कैफीन लेने का बच्चे के विकास पर बुरा असर होता हे |
- Vitamin A से भरपूर चीजें मसलन कलेजी, लिवर सॉसेज, लाल मिर्च, शकरकंदी, चुकंदर आदि जरुरत से ज्यादा ना खाएं।
- Pasteurized दूध ही लें क्योंकि इस में एक खास तापमान पर दूध को गर्म करके हानिकारक जीवाणुओं को खत्म किया जाता है |
- मैदे से बनी ब्रेड व अन्य मैदे से बनी चीजों से परहेज रखें।
- शर्करा (मीठे) से भरपूर चीज और जरुरत से ज्यादा मसालेदार खाना लेने से यह गर्भपात का कारण बन सकता है |
- इन दिनों सुरमई और समुद्री मछली खाने से परहेज करें।
- अधपका मांस या कच्चे अंडे ना खाएं या आधा पका हुआ अंडा भी ठीक नहीं रहता, पूरी तरह से पका हुआ अंडा ही खाएं।
- डब्बा बंद जूस और रेडीमेड पैक्ड सलाद ना खाएं तथा बहुत तेल-घी खाने से बचें कच्चा या अध पका खाना ना खाए मेयोनीज भी ना लें।
- अगर गर्भवस्था में कब्ज की शिकायत है, तो पपीता खाने में कोई बुराई नहीं है। पर इसे एक Bowl से ज्यादा ना खाए !
- अपने Pregnancy diet chart से पिज़्ज़ा बर्गर आदि जंक फूड बिल्कुल निकाल दे क्योंकि इससे पेट तो तुरंत भर जाता हे, पर शरीर को प्रोटीन और vitamin नहीं मिलते है | जंक फ़ूड की नुट्रिशन वेल्यु जीरो होती है | गर्भवस्था में खानपान को और विस्तार से जानने के लिए पढ़ें यह पोस्ट प्रेगनेंसी में क्या खाएं क्या ना खाएं |
- एक गर्भस्थ स्त्री को हमेशा साफ-सुथरा, फ़िल्टर किया हुआ ,उबला हुआ पानी पीना चाहिए या मिनरल वॉटर का इंतजाम रखे। सीधे टैप का पानी ना पिएं इससे सेहत पर खराब असर होता है।
- नीचे दिए गए चित्र में पूरे दिन के Pregnancy food chart को दिखाया गया है | आप चाहे तो इसे डाऊनलोड करके इस्तमाल कर सकती है |
गर्भावस्था आहार से जुड़े अन्य महत्त्वपूर्ण टिप्स :
Pregnancy Diet and Multivitamin Diet Supplements.
- कुछ गर्भस्थ स्त्रियाँ दवाएं लेने के बजाय उसकी कमी को सिर्फ खानपान से पूरा करना चाहती हैं, पर गर्भकाल एक ऐसा समय है, जब दवाएं लेनी ही पड़ती हैं। खासकर फोलिक एसिड लेना जरुरी है |
- इसके अलावा ये भी संभव है की एक पूरी तरह से संतुलित आहार को लेने के बावजूद आपके शरीर में कुछ Protein , Vitamins , और Minerals की कमी हो जाये , ऐसा अक्सर खराब स्वास्थ्य परिस्थति तथा कमजोर पाचन क्रिया के कारण हो सकता है |
- इस कमी को दूर करने के लिए आपके शरीर को विभिन्न “Dietary Supplements” की जरूरत होगी जो पूरी जाँच के बाद चिकित्सक आपको सुझायेंगे | इनको आप हल्के में ना ले ये सब बहुत जरुरी होते है ! आपकी डॉक्टर आपको Protein Supplement Powder ,Calcium Supplement या Tablets, folic acid supplement , Multivitamin Supplements तथा दूसरे Optimum Nutrition Supplements recommend करेंगे जो आपको लेने ही चाहिए !
- फोलिक एसिड की कमी से बच्चे के नर्वस सिस्टम पर बुरा असर पड़ सकता है। एक अजन्मे बच्चे के शुरुआती 28 दिनों यानी 3 हफ्ते में होने वाले पूरे विकास में फोलिक एसिड का ख़ास योगदान होता है गर्भस्थ शिशु को गर्भ में प्रभावित करने वाले एनटीडी यानी Neural tube defects से बचाने के लिए पहले से अपने डॉक्टर की सलाह से फोलिक एसिड की गोलिया लेना शुरू करें।