नई दिल्ली। दिल्ली के हर घर को 24 घंटे नल से साफ पानी देने के लिए शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास पर एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई गई। इस बैठक में मानसून के दौरान यमुना में आने वाले अतिरिक्त जल को स्टोर करने और उसे शुद्ध कर लोगों के घर तक पहुंचाने की योजना बनी। इस दौरान सीएम ने संबंधित अधिकारियों को पायलट आधार पर वजीराबाद जलाशय के ऊपरी छोर पर 459 एकड़ का कैचमेंट वेटलैंड जलाशय बनाने और 20 एकड़ का ऑफ रिवर मिनी जलाशय बनाने की दिशा में आगे बढ़ने के निर्देश दिए।
दरअसल, दिल्ली सरकार की योजना है कि वजीराबाद बैराज के अपस्ट्रीम के बाढ़ क्षेत्र में मानूसन के दौरान आने वाले अतिरिक्त पानी को स्टोर किया जाए और उस पानी को शुद्ध करके दिल्ली के निवासियों को पीने योग्य पानी की आपूर्ति की जाए। इससे दिल्ली में पेयजल की क्षमता में वृद्धि हो सकेगी। इसी को लेकर दिल्ली सरकार पायलट आधार पर जलाशयों का विकास करने को लेकर रणनीति और एक्शन प्लान पर काम कर रही है। इसके तहत सभी स्टोरेज स्ट्रक्च र पल्ला तक फैले वजीराबाद जलाशयों को विकसित किया जाएगा। इससे नदी की पारिस्थितिकी और आसपास के आवासीय एरिया पर कोई विपरित प्रभाव नहीं पड़ेगा और ऑफ-रिवर मिनी जलाशयों को सीमांत बांध के बाहर विकसित किया जाएगा।
दिल्ली सरकार द्वारा यमुना के करीब 32203 एमजी मानसून के पानी को स्टोर करने के लिए तीन रणनीति प्रस्तावित की गई है। पहला, 200 एकड़ के 20 कैचमेंट वेटलैंड भंडारण जलाशय बनाए जाएंगे और सभी जलाशयों की गहराई दो मीटर होगी, जहां 8552 एमजी मानसून का पानी स्टोर किया जा सकेगा। दूसरा, वजीराबाद जलाशय के एक हजार एकड़ एरिया में तालाब का विस्तार किया जाएगा। इसकी गहराई दो मीटर होगी और यहां पर 2138 एमजी मानसून के पानी का भंडार हो सकेगा।
वहीं तीसरे प्रस्ताव के तहत, 100 एकड़ के 20 ऑफ रिवर मिनी जलाशय बनाए जाएंगे। सभी जलाशयों की गहराई 10 मीटर रखी जाएगी, जहां करीब 21381 एमजी मानसून के पानी का भंडारण हो सकेगा। इन तीन रणनीतियों के अलावा, मौजूदा तालाब की दो मीटर की गहराई तक सिल्ट (गाद) निकाली जाएगी। इससे 132 एमजी पानी का अतिरिक्त भंडारण हो सकेगा।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार की योजना है कि मानसून के दौरान यमुना में आने वाले अतिरिक्त पानी को जलाशयों में स्टोर किया जाए और उसे शुद्ध कर लोगों के घर तक पहुंचाया जाए। हमारी यह रणनीति सफल होती है, तो ऐसे और जलाशय बनाए जाएंगे, ताकि मानूसन के दौरान यमुना में आने वाले अतिरिक्त पानी को स्टोर कर उसका इस्तेमाल पीने के लिए किया जा सके।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मानसून के दौरान यमुना में आने वाले अतिरिक्त पानी को स्टोर करने और उसे साफ कर लोगों के घर तक पहुंचाने को लेकर उच्च स्तरीय बैठक की। इस दौरान मुख्यमंत्री के समक्ष एक प्रजेंटेशन दिया गया। प्रजेंटेशन के उपरांत सीएम अरविंद केजरीवाल ने प्रमुख बिंदुओं पर विचार-विमर्श किया।
इस दौरान दो प्रस्तावों पर आगे बढ़ने की सहमति बनी है। पहला, यमुना नदी के पश्चिमी तट पर स्थित वजीराबाद जलाशय के ऊपरी छोर पर पायलट आधार पर 459 एकड़ का कैचमेंट वेटलैंड जलाशय बनाने की रणनीति बनी। इस जलाशय में मानसून का करीब 1735 एमजी पानी को स्टोर किया जा सकेगा। दूसरा, 20 एकड़ का ऑफ रिवर मिनी जलाशय बनाने पर विचार किया गया, जिसकी गहराई 10 मीटर तक होगी और यहां करीब 223 एमजी मानसून का पानी का स्टोर हो सकेगा।
सीएम ने इन दोनों प्रस्तावों पर विचार-विमर्श करने के उपरांत संबंधित अधिकारियों को आगे की कार्रवाई शुरू करने के निर्देश दिए, ताकि इस पर जल्द से जल्द काम शुरू हो सके। सीएम अरविंद केजरीवाल का कहना है कि सरकार दिल्ली में पेयजल की कमी को पूरा करने के लिए कई तरह के कदम उठा रही है। इसी के मद्देनजर दिल्ली सरकार ने यमुना नदी के मानसून और बाढ़ के पानी को स्टोर करने की रणनीति बनाई है। इस पर तेजी से काम चल रहा है। आज की बैठक में दो प्रस्तावों पर विचार-विमर्श किया गया। इन दोनों प्रस्तावों पर आगे बढ़ने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया गया है, ताकि पायलट प्रोजेक्ट पर काम जल्द शुरू किया जा सके।