यूपी चुनाव में अपनी हार को देखकर अखिलेश ने इंग्लैंड जाने की टिकट कर ली : योगी आदित्यनाथ
गोरखपुर: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भाजपा 10 मार्च को वोटों की गिनती वाले दिन प्रदेश विधानसभा चुनाव में 80 प्रतिशत सीटें जीतकर सरकार बनाएगी। अभी 3 और 7 मार्च को मतदान के दो चरण बाकी हैं। योगी ने कहा, उत्तर प्रदेश में भाजपा फिर से सरकार बनाएगी। 10 मार्च को हम 80 प्रतिशत सीटों पर विजयी होकर प्रचंड बहुमत से सरकार बनाएंगे.. सपा हारेगी। योगी ने कहा, लंका की तरह समाजवादी पार्टी का अंत नजदीक आ गया है।’ रामायण में राक्षसी लंकिनी का जिक्र कर योगी ने कहा कि ‘जिस तरह लंका की रक्षा करने वाली राक्षसी लंकिनी हनुमान का विशालकाय रूप देकर समझ गई कि अब लंका का अंत निश्चित है, वहीं हाल समाजवादी पार्टी का होने वाला है।’
मुख्यमंत्री ने कहा, पहले दो चरणों में मुझे लगा था कि गठबंधन बढ़त बना सकता है, लेकिन मुझे ताज्जुब हुआ कि वहां पर भी भाजपा ने बहुत अच्छी बढ़त बनाई, खासकर तब जब देश और विदेश की सारी साजिशें लगी हुई थी, बीजेपी को पराजित करने की। आज स्थिति यह है कि बहुत से विपक्षी नेताओं ने अपनी टिकट बुकिंग कर ली है, बाहर जाने की, कोई इंग्लैंड, तब कोई ऑस्ट्रेलिया की टिकट बुकिंग करा रहा है,तब कई छुटभैया नेता नेपाल जाने की फिराक में हैं। हमारे द्वारा नेपाल से सीमा पर ज्वाइंट पेट्रोलिंग करवानी शुरु कर दी है, ताकि इन्हें जाने से अब थोडा रोको…. एक बार इनकी गर्मी को 10 मांर्च तक शांत कर दें, उसके बाद अपना रास्ता चुनें…. उत्तर प्रदेश में अब माफियावादियों और पेशेवर अपराधियों के दिन लद चुके हैं। मुझे लगता है, कि 10 मार्च के बाद इनमें से कोई नज़र नहीं आएगा।’ चुनाव से ठीक पहले बीजेपी सरकार से इस्तीफे देने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य जैसे मंत्रियों के बारे में योगी ने कहा, आप मेरी बात नोट कर लें। जो गए, सब हार रहे हैं। यो लोग अपनी जमानत बचा लें, तब पता चलेगा इलका कितना बड़ा जनाधार है।
योगी ने कहा, 2017 में दो लड़कों (अखिलेश और राहुल गांधी) की जोड़ी आई।कभी कभी संगत का असर भी होता है। आपने देखा जनता ने दोनों को खारिज कर दिया। 2019 में महागठबंधन (सपा, बसपा, आरअलडी) बना, कुछ नहीं कर सके, चुनाव के बाद दोनों एक-दूसरे को कोसने लगाने वाले हैं। अब छुटभैयों का महागठबंधन किया है, उत्तर प्रदेश की जनता इन्हें जवाब दे रही है, देने जा रही है। आप देखना हैं,कि चुनाव के बाद इनमें कुश्ती होगी, मारपीट होगी, आरोप-प्रत्यारोप होगा, अधकचरे पहलवान एक दूसरे से भिड़ने वाले हैं।
इंटरव्यू के दौरान एक सवाल पर कहा कि अगर राहुल अपनी बहन प्रियंका को यूपी के चुनाव में ला सकते हैं, तब क्या आप अपने परिवार के लिए कुछ भी नहीं कर सकते थे, योगी कुछ समय के लिये रुके, और रूंधे हुए गले से उत्तर दिया, मैं एक योगी हूं। मुझे पूरे प्रदेश का ध्यान रखना होता है। मुझे लगता है कि एक मुख्यमंत्री के रूप में मैने राष्ट्रधर्म की शपथ ली है, अपने परिवार की नहीं।’
मेरे लिए पूरे उत्तरप्रदेश के 25 करोड़ लोग मेरा परिवार है। मैं उनके सुखदुख में सहाभागी हूं। उनके (अखिलेश) के लिए उनका परिवार प्रचार कर रहा है, मेरे लिये मेरा परिवार (यूपी की जनता) प्रचार कर रहा है।मैं तो जनता के बीच जाने की एक औपचारिकता निभा रहा हूं। मेरे लिए यहां (गोरखपुर की) पब्लिक स्वयं चुनाव लड़ रही है…वहां इसलिए क्योंकि उस सुरक्षा की गारंटी देने वाली, विकास और सुशासन की गारंटी देने वाली सरकार चाहिए। यहां तो हमारे कार्यकर्ता स्वयं योगी बनकर वोट मांग रहे हैं।’
कर्नाटक में विवादास्पद हिजाब मुद्दे पर योगी ने कहा, मुझे किसी के पहनावे पर कोई आपत्ति नहीं है। चाहे घर में, या बाजार में, या सार्वजनिक स्थानों पर कोई क्या पहन रहा है, उस पर हमें आपत्ति करने का कोई अधिकार नहीं है। लेकिन मेरा यह मानना है कि देश की व्य़वस्था संविधान से चलती है। देश का संविधान न हो, तब तीन तलाक जैसी कुप्रथा को क्या हम रोक पाते? कभी नहीं। इसलिए व्यक्तिगत आस्था सब की हो सकती है… लेकिन हम अपनी आस्था को देश पर थोप नहीं सकते। हमें आज राष्ट्रधर्म का हर हाल में पालन करना होगा..एक बालिका स्कूल के निर्धारित ड्रेस में ही जाए तब अच्छा होगा, नहीं तो आज एक स्कूल के लिए कह रहे हैं, कल फोर्स (सुरक्षा बल) में इसी बात को कह सकते हैं। न्यायालयों ने इस बारे में बहुत स्पष्ट रूप से कहा है कि कहीं भी हम अपने फोर्स में इसतरह के ड्रेस की अनुमति नहीं दे सकते जिससे वह एक समुदाय विशेष का प्रतिनिधित्व करता हो। सही मायने में एक सेक्यूलर स्टेट की भावना को हमें सम्मान देना ही होगा। अनुशासन को तार-तार करने की, अनुशासनहीनता को फैलाने की जरूरत नहीं है।’
यूपी चुनाव में उठे बेरोजगारी के मुद्दे पर योगी ने कहा, मैं सहमत हूं। हमारे पांच में से तीन साल ईमानदारी से शासन करने में गए, दो साल हमारे कोविड प्रबंधन में लग गए, इन पांच वर्षों में जितनी भी सरकारी नौकरियां दी गई, पारदर्शी तरीके से दी गई। हमने 5 लाख से ज्यादा नौजवानों को सरकारी नौकरी दी..2003 से 2017 तक सपा, बसपा शासन के दौरान जितनी सरकारी नौकरियां दी गई थी, उससे ज्यादा नौकरियां हमने दी। अभी हम इस प्रक्रिया को और पारदर्शी बना रहे हैं। नॉन-गोजेटेड ग्रुप सी और डी में हमने कॉमन इलिजिवलिटी टेस्ट कराए जिसमें 25 लाख बच्चों ने परीक्षा दी, अभी परिणाम जल्द आ सकते हैं।’
लखीमपुर खीरी और हाथरस की घटनाओं पर मुख्यमंत्री ने बताया कि, दोनों घटनाएं दुर्भाग्यपूर्ण हैं। सरकार ने दोनों में समय पर कार्रवाई की। हाथरस मामले में जितने कदम यूपी पुलिस ने उठाये, उससे एक भी कदम आगे सीबीआई नहीं जा सकी। और मैं उस सच को देखना चाहता हूं कि योगी को बदनाम करने के लिए क्या साजिश रची गई थी। लखीमपुर खीरी में सरकार ने समय पर कार्रवाई की। जो लोग दंगा भड़काना चाहते थे, वहां लोग सफल नहीं हो सके, वर्ग संघर्ष के स्थिति पैदा नहीं कर सके, हमारी सरकार ने उसको रोका, नियंत्रित किया। दोनों आपराधिक घटनाएं हैं, एक को सीबीआई देख रही है, दूसरे को सुप्रीम कोर्ट की देखरेख में एसआईटी देख रही है। ये एक व्यापक समुदाय को तात्कालिक दृष्टि से आहत कर सकता है, लेकिन ये शोषण का या गुंडा टैक्स का माध्यम नहीं है।’