ज्ञान भंडार
कोयले की सिगड़ी के धुएं से दम घुटने से बच्चे की मौत, दंपत्ती गंभीर
सूरत। शहर के पांडेसरा इलाके में बुधवार सुबह कोयले की सिगड़ी पर खाना बनाते हुए एक ही परिवार के तीन लोग दम घुटने से बेहोश हो गए। तीनों को न्यू सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उपचार के दौरान डेढ़ साल के बच्चे ने दम तोड़ दिया। वहीं, दंपत्ती का उपचार जारी है।
ठंड के कारण दरवाजा था बंद:
साईंनगर निवासी सुरेश सुखकरण प्रजापति (26) पांडेसरा जीआईडीसी की कलर टेक्स कंपनी के स्टोर रूप में काम करता है। वह किराए के मकान में रहता है। सुरेश की पत्नी संगीता बुधवार सुबह कोयले की सिगड़ी पर खाना पका रही थी। डेढ़ साल का बेटा अंकित घर में ही खेल रहा था। जबकि सुरेश सो रहा था। सुबह ठंडी हवा के कारण संगीता ने दरवाजा बंद कर दिया था। इसके चलते कोयले की सिगड़ी का धुंआ घर में भर गया। कुछ देर बाद अंकित रोने लगा तो संगीता ने उसे दूध पिलाकर सुला दिया। फिर संगीता को चक्कर आ गए और वह भी बेहोश हो गई।
साईंनगर निवासी सुरेश सुखकरण प्रजापति (26) पांडेसरा जीआईडीसी की कलर टेक्स कंपनी के स्टोर रूप में काम करता है। वह किराए के मकान में रहता है। सुरेश की पत्नी संगीता बुधवार सुबह कोयले की सिगड़ी पर खाना पका रही थी। डेढ़ साल का बेटा अंकित घर में ही खेल रहा था। जबकि सुरेश सो रहा था। सुबह ठंडी हवा के कारण संगीता ने दरवाजा बंद कर दिया था। इसके चलते कोयले की सिगड़ी का धुंआ घर में भर गया। कुछ देर बाद अंकित रोने लगा तो संगीता ने उसे दूध पिलाकर सुला दिया। फिर संगीता को चक्कर आ गए और वह भी बेहोश हो गई।
पड़ोसियों के उठाने पर संगीता को आया होश:
इसके बाद क्या हुआ, सुरेश और संगीता को याद नहीं। सुबह करीब आठ सात बजे पड़ोसियों ने घर का दरवाजा न खुलने पर संगीता को जगाने की कोशिश की। लगभग 15-20 मिनट बाद संगीता ने बड़ी मुश्किल से दरवाजा खोला और दरवाजे पर ही गिर गई। पड़ोसियों ने तीनों को 108 एंबुलेंस की मदद से अस्पताल पहुंचाया जहां डॉक्टर्स ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया।
इसके बाद क्या हुआ, सुरेश और संगीता को याद नहीं। सुबह करीब आठ सात बजे पड़ोसियों ने घर का दरवाजा न खुलने पर संगीता को जगाने की कोशिश की। लगभग 15-20 मिनट बाद संगीता ने बड़ी मुश्किल से दरवाजा खोला और दरवाजे पर ही गिर गई। पड़ोसियों ने तीनों को 108 एंबुलेंस की मदद से अस्पताल पहुंचाया जहां डॉक्टर्स ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया।