जीवनशैलीस्वास्थ्य

दूध पीने के बाद भूलकर भी ना खाए ये खाद्य पदार्थ हो सकती है जानलेवा बीमारी

वैसे तो दूध में कैल्शियम की मात्रा बहुत ही अधिक होती है और पोषक तत्वों की भरपूर मात्रा वाले डेयरी प्रोडक्ट्स ना सिर्फ आपको सेहतमंद रखती हैं बल्कि आपके शरीर को मजबूती भी प्रदान करती हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि दूध का सेवन करने से पहले और बाद में कई प्रकार की सावधानियां बरतनी बहुत ही जरुरी होता है। अधिकांश लोग दूध का सेवन किसी भी समय कर लेते हैं लेकिन दूध का सेवन करने के लिए एक समय निर्धारीत किया गया है.

दूध

बैज्ञानिको का मानें तो, कुछ ऐसे भी खाद्य पदार्थ हैं जिनका सेवन दूध पीने के पहले या बाद में करने से उन्हें स्वास्थ संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। क्योंकि दूध में मौजूद पोषक तत्व उन खाद्य पदार्थों में मौजूद तत्वों के साथ रिएक्शन कर सकती हैं जिससे आपका स्वास्थ प्रभावित होता है। इसिलए आज हम आपको उन खाद्य पदार्थों के बारे मे बताने जा रहे है जिनका सेवन आपको दूध के बाद नहीं करना चाहिए

दाल

अगर आप दूध पीने के तुरन्त बाद चना, मूंग और उड़द की दाल का सेवन कर रहे है तो ये आप के लिए बहुत ही हानिकारक साबित हो सकता है। क्योंकि इससे हृदय रोगों का खतरा तो बढ़ता ही है, साथ ही शारिरिक समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता हैं। इसलिए दाल औऱ दूध के सेवन में कम से कम दो घंटे का अन्तर जरुर रखे।

मूली

मूली का सेवन दूध पीने के पहले या बाद में बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। और खासकर के नमकीन औऱ खट्टे पदार्थों के सेवन पर दूध पीते समय सावधानियां बरतनी चाहिए। इससे दूध जहरीला हो सकता है जिससे त्वचा सम्बंधित रोगों का खतरा बढ़ जाता है।

मछली

दूध में कैल्शियम होता है तो मछली की तासीर भी गर्म होती है जिसके कारण दूध पीने के पहले औऱ बाद में इसका सेवन कभी भी नहीं करना चाहिए। मछली और दूध का सेवन करने पर एसिडिटी, एलर्जिक रिएक्शन और त्वचा विकारों समेत पाचन संबंधी समस्याओं का खतरा बढ जाता है।

फल

जितना हो सके दूध के साथ फलों के सेवन पर भी थोड़ा-सा परहेज ही करना चाहिए। क्योंकि दूध में मौजूद कैल्शियम फलों में मौजूद एंजाइम्स को अवशोषित कर लेता है जिससे शरीर को तमाम पोषक त्वोंका आपूर्ति सुनिश्चित नहीं हो पाती। इससे कफ के साथ पाचन भी बिगड़ने लगता है।

कटहल

कटहल, करेला, नींबू और नमक का सेवन भी दूध पीने के पहले और बाद में नहीं करना चाहिए। इससे त्वचा विकार और पाचन संबधी समस्याओं की संभावना बढ़ जाती है। इससे दाद खाज, खुजली और एग्जिमा की समस्या बढ़ जाती है।

Related Articles

Back to top button