लंदन: वैसे तो 10 से 15 वर्ष की आयु में पीरियड्स आना शुरू हो जाता है। जिन लड़कियों को 12 वर्ष की उम्र से पहले पीरियड्स आते हैं उन्हें दिल संबंधी बीमारी का खतरा ज्यादा रहता है। इस बाद का खुलासा ब्रिटिश रिसर्च में शामिल यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड के शोधकर्ताओं ने एक शोध के बाद किया है। इस शोध में यह भी बताया गया है कि जल्दी रजोनिवृत्ति और प्रेग्नेंसी संबंधी जटिलताएं भी दिल की बीमारी के खतरे को बढ़ाने का काम करती हैं।
शोधकर्ता सेन पीटर्स ने बताया कि शोध के दौरान जांच में यह पाया गया कि दिल संबंधी बीमारियों के मामले ज्यादातर उन्हीं महिलाओं में देखे गए जिनका मासिक धर्म समय से पहले शुरू हो गया था। शोध में औसतन 56 साल की उम्र की तकरीबन 2,67,000 महिलाओं को शामिल किया गया था।
उनके अनुसार, शोध में पाया गया कि जिन महिलाओं का मासिक धर्म 12 साल की उम्र से शुरू हो गया था उनमें उन महिलाओं के मुकाबले दिल की बीमारी का खतरा 10 प्रतिशत तक ज्यादा था जिनका मासिक धर्म 13 साल या उससे ज्यादा की उम्र से शुरू हुआ था।
ऐसा ही जल्द रजोनिवृत्ति वाली महिलाओं के साथ भी था। रजोनिवृत्ति वह अवस्था है जब महिलाओं में मासिक धर्म लगभग बंद हो जाता है। 47 साल की उम्र से पहले रजोनिवृत्ति को अर्ली मीनोपॉज कहा जाता है।
शोध में कहा गया है कि जल्दी रजोनिवृत्त महिलाओं में दिल की बीमारी होने का खतरा 33 प्रतिशत तथा स्ट्रोक्स का खतरा 42 प्रतिशत ज्यादा होता है। इसके अलावा गर्भपात कराने के बाद महिलाओं में भी दिल की बीमारी का खतरा 6 प्रतिशत बढ़ा जाता है।
हिस्टरेक्टमी महिलाओं में होने वाली एक ऐसी थेरेपी है जिसमें उनके गर्भाशय को बाहर निकाल दिया जाता है। शोध में बताया गया है कि हिस्टरेक्टमी कराने वाली महिलाओं में भी दिल की बीमारी होना का खतरा होता है। यह शोध ‘हर्ट’ नाम की ब्रिटिश पत्रिका में 15 जनवरी को प्रकाशित किया गया था।