नई दिल्ली। लंबे समय की कड़ी मेहनत करने के बाद शोधकर्ताओं ने एक नए कृत्रिम विषाणु का विकास किया है। जिसका प्रयोग मनुष्य में होने वाले चेचक बीमारी को दूर करने में किया जायेगा। लेकिन अभी यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि इसे चेचक बीमारी के प्रभावी टीका बनाने में प्राथमिकता दी जायेगा। क्योंकि इसे तैयार करने में जो रिजल्ट सामने आए है वे इसी बीमारी को दूर करने वाले वैकसीनों से मैच खाते हैं।
बता दें कि अल्बर्टा विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने एक संक्रामक हार्सपॉक्स विषाणु का विकास किया है, जिसे उन्होंने पूरी तरह से रासायनिक पद्धति से डीएनए के टुकड़ों व एक प्रकाशित जीनोम अनुक्रम के इस्तेमाल से कृत्रिम रूप से बनाया है। इस दौरान शोधर्ताओं ने कहा है कि हॉर्सपाक्स घोड़ों में होने वाली एक खतरनाक बीमारी है, जो मनुष्यों के लाभदाय हो सकती है।
वहीं आपको बता दें कि हॉर्सपाक्स का संबंध वैक्सीनिया विषाणु से है, जिसका प्रयोग आज से लगभग 40 साल पहले चेचेक के रोकथाम के लिए किया गया था। उस समय यह एक टीके रूप में प्रयोग में लाया जाता था। इसके साथ ही शोध के दौरान कई रोचक तथ्य सामने आए है, जो मानव के लिए लाभकारी बताए गए हैं।