समाज की शक्ति हैं महिलाएं : प्रो. संजय द्विवेदी
आईआईएमसी में ‘नारी शक्ति सम्मान समारोह’ का आयोजन
नई दिल्ली : अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के प्रसंग पर भारतीय जन संचार संस्थान द्वारा आयोजित ‘नारी शक्ति सम्मान समारोह’ को संबोधित करते हुए आईआईएमसी के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी ने कहा कि भारत में स्त्री शक्ति की गौरवशाली परंपरा रही है। महिलाएं किसी भी संस्थान एवं समाज की सबसे बड़ी शक्ति हैं। कार्यक्रम में पंजाब केसरी समूह की निदेशक किरण चोपड़ा मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुईं। इस अवसर पर संस्थान के अपर महानिदेशक श्री आशीष गोयल एवं डीन (अकादमिक) प्रो. गोविंद सिंह सहित समस्त प्राध्यापक, अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे। प्रो. द्विवेदी ने कहा कि आईआईएमसी में महिलाएं हमेशा नेतृत्वकारी भूमिकाओं में रही हैं। विद्वान स्त्रियों ने अपनी मेहनत से इस संस्थान को शिखर तक पहुंचाया है।
उन्होंने कहा कि भारत में ‘अर्धनारीश्वर’ को महत्व दिया गया है। हमारे यहां मान्यता है कि आप कोई भी काम महिलाओं को दीजिए, वो उसे ज्यादा सुंदर बना देती हैं। आज प्रत्येक क्षेत्र में लड़कियां मौजूद हैं, क्योंकि जहां महिलाएं होती हैं, वहां अनुशासन आता है। प्रो. द्विवेदी के अनुसार आज लड़कियां शिक्षा प्राप्त कर हर क्षेत्र में नाम कमा रही हैं। महिलाओं के प्रति समाज का नजरिया जिस तरह बदला है, उसे देखकर यह पूरी उम्मीद है कि आने वाला कल स्वर्णिम होगा। उन्होंने कहा कि दुनिया को सुंदर बनाने के लिए महिलाओं ने बहुत कुछ किया है, लेकिन आज हमें यह सोचने की आवश्यकता है कि हमने महिलाओं के लिए क्या किया।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि पंजाब केसरी समूह की निदेशक किरण चोपड़ा ने कहा कि आज हम ‘मंगल’ तक पहुंच गए हैं, लेकिन हमारे जीवन में ‘मंगल’ तब आएगा जब महिलाओं को सम्मान मिलेगा और वे समाज में स्वयं को सुरक्षित महसूस करेंगी। उन्होंने कहा कि महिला और पुरुष पक्षी के दो पंखों के समान हैं। एक के बिना दूसरे की कल्पना करना असंभव है। श्रीमती चोपड़ा के मुताबिक भारतीय महिलाएं ‘देवी और दुर्गा’ दोनों हैं। भारतीय महिलाओं की सभ्यता, उनके संस्कार, धैर्य, ममता और कभी हार न मानने की आदत ने उन्हें पूरे विश्व में अलग स्थान दिलाया है। उन्होंने कहा कि एक वक्त था जब मां-बाप बेटियों को संस्कार देते थे, लेकिन अब बेटों को संस्कार देने की आवश्यकता है। आने वाले समय में प्रत्येक माता-पिता ये मन्नत मांगेंगे कि उनके यहां बेटियां ही पैदा हों।
कार्यक्रम का संचालन आईआईएमसी की छात्र संपर्क अधिकारी डॉ. विष्णुप्रिया पांडेय ने किया। इस अवसर पर संस्थान में कार्यरत समस्त महिलाओं पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों को शॉल एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। समारोह में प्रो. शाश्वती गोस्वामी, प्रो. अनुभूति यादव, प्रो. संगीता प्रणवेंद्र, प्रो. प्रमोद कुमार, प्रो. वीरेंद्र कुमार भारती, डॉ. रिंकू पेगू एवं डॉ. प्रतिभा शर्मा भी उपस्थित थे।