तुलसी को रामबाण क्यों कहा जाता हैं क्योंकि उसमें कई औषधीय गुणों होते हैं. जब भी आपके सर्दी व जुखाम व अन्य समस्या होती हैं.
चाय या कोई आयुर्वेदिक औसाधियाँ बनाते है तुलसी का मिश्रण होना बहुत जरूरी होता है.
तुलसी का पौधा वातावरण को शुद्ध करता है, क्योंकि यह ही एकमात्र ऐसा पौधा बताया गया है, जो कि सूर्य से आने वाली पराबैंगनी किरणों से हमारी रक्षा करता है.
किसी प्रकार की बीमारियाँ हो या पेट की समस्या तुलसी सबसे ज्यादा असर करती हैं |
तुलसी का सेवन करने वाले लोग विशेष रूप से ध्यान रखें –
अधिकतर लोगों का सवाल होता है कि क्या सच में तुलसी के पत्तों में पारा होता है तो यह बिलकुल सच है कि तुलसी के पत्तों में पारा यानी कि मर्करी पाया जाता है। इसलिए कहा जाता है कि तुलसी के पत्तों को चबाकर नहीं खाना चाहिए। यह हमारे दांतों को कमजोर बनाता है और खराब कर देता है। यह सच है कि तुलसी के फायदे बहुत ज्यादा हैं।
तुलसी का सेवन जरूर करें। लेकिन जब भी इसका सेवन करें तो इसके पत्ते को सीधे पानी के साथ निगल लें यानी इसे चबाकर नहीं खाएं। लगातार ज्यादा मात्रा में तुलसी का सेवन न करें, वरना यह कई बीमारियों का कारण बन सकती है।
एक और अहम बात की तुलसी को कभी भी दूध के साथ नहीं लेना चाहिए, आपको इसलिए बता रहे हैं अक्सर लोग चाय बनाते समय दूध में ही तुलसी डालते हैं, अगर आप यह करते हैं तो संभल जाइए क्योंकि दूध के साथ तुलसी सेहत के लिए बहुत नुकसानदायक होती हैं, साथ ही अगर आपने दूध या दूध से बनी कोई भी चीज खाई या पी हैं तो 1 घंटे के बाद तक भी तुलसी का सेवन नहीं करना चाहिए।