आपके घर में इमरजेंसी किसी भी वक्त आ सकती है, कभी किसी को चोट लग सकती है या कोई करंट की चपेट में आ सकता है. ऐसे में जरूरी है कि आप कुछ ऐसी बातों को जानें और समझे जो आपके इस समय में काम आ सकें. हर घर में एक फर्स्टएड बॉक्स जरूर होना चाहिए, जिसमें मेडिकल का नॉर्मल सामान मौजूद होना चाहिए. इससे कभी भी किसी को चोट लगे तो आपको कुछ खोजना नहीं पड़ेगा. ऐसे ही कई और भी बातें हैं, जो हम आपको आज बताने जा रहे हैं.
दिल का दौरा पड़ने पर करें कार्डियो पल्मोनरी रिससिटेशन
कभी भी किसी भी बड़े उम्र के व्यक्ति को दिल का दौरा पड़ सकता है और आजकल ये आम बात हो गई है. ऐसे में अगर कभी आपके घर में ऐसा किसी के साथ हो, तो आप उस मरीज़ को अस्पताल ले जाने तक कार्डियो पल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) दे सकते है. हार्ट अटैक आने के मामलों में अस्पताल ले जाने से पहले सीपीआर देने से दो से तीन प्रतिशत मामलों में मरीज़ की जान बच जाती है. इस बात का ध्यान रखें कि सीने में दवाब देने के दौरान उसकी दर 100-120 प्रति मिनट होनी चाहिए और हर 30 मिनट के बाद मरीज़ को दो सांस दें.
कटने या घाव होने पर सीधे दवाई न लगाएं
अक्सर बच्चों को खेलने के दौरान चोट लग जाती है और उसमें कट जाता है या घाव हो जाता है. ऐसे में आप उस चोट पर कभी भी सीधे दवाई न लगाएं. पहले चोट को साफ पानी से धोएं और भी साफ कपड़े से पानी को पोछने के बाद उस पर कोई दवाई लगाएं. इससे बच्चे की चोट में पस नहीं पड़ेगा. ध्यान रहें कि चोट पर जरा भी गंदगी नहीं जानी चाहिए.
करंट लगने पर क्या करें और क्या नहीं
कई बार घरों में बिजली के करंट की चपेट में बच्चे या बड़े कोई भी आ जाता है, ऐसे में जरूरी है कि आपको ये जानकारी हो कि क्या करें और क्या नहीं. जिस भी व्यक्ति को करंट लगा हो कभी भी उसे सीधे तौर पर स्पर्श न करें और सबसे पहले बिजली का तार बोर्ड से बाहर निकालें. करंट से जले हुए हाथ पर तुरंत कोई कपड़ा बांध दे. अगर करंट ज्यादा लगा हो और व्यक्ति को सांस लेने में तकलीफ हो तो उसे कार्डियो पल्मोनरी रिससिटेशन देना शुरू करें.
अचानक बेहोश पर किन बातों का ध्यान रखना चाहिए
यह आमतौर पर देखा गया है कि लोग विभिन्न स्वास्थ्य कारणों से बेहोश हो जाते हैं. कुछ लोगों को शुगर की दिक्कत होती है तो किसी की ब्लड प्रेशर की समस्या होती है. ऐसे में अगर कोई रास्ते में अचानक बेहोश हो जाये तो आपको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए. अगर कोई व्यक्ति बेहोश हुआ है तो सबसे पहले तो उसे बाईं तरफ मोड़े और उस व्यक्ति को बेहोशी की हालत में खाने या पीने को देने से बचें. अगर वो व्यक्ति शुगर का मरीज़ है तो सबसे पहले उसका शुगर लेवल चेक करें.