ग्वालियर में स्वर्णरेखा नदी पर 447 करोड़ में बनेगा एलीवेटेड फ्लाईओवर
ग्वालियर: ग्वालियर में स्वर्णरेखा नदी पर करीब 447 करोड़ रुपए में एलीवेटेड फ्लाईओवर बनाया जाएगा। यह प्रदेश का पहला ऐसा बड़ा प्रोजेक्ट है जिसे सिर्फ 25 दिन में प्रशासकीय मंजूरी मिली है। केंद्रीय सड़क अधोसंरचना निधि के 1800 करोड़ में से यह फ्लाईओवर बनाया जाएगा। इसके लिए अगले हफ्ते टेंडर भी जारी होने वाला है।
करीब 3 किमी लंबा एलीवेटेड फ्लाईओवर
ग्वालियर के इस प्रोजेक्ट को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बनी प्रोजेक्ट स्क्रीनिंग कमेटी के क्लियरेंस के बाद कैबिनेट से मंजूरी मिली। इसकी लागत ज्यादा होने के कारण लिमिट बढ़ाने के लिए प्रस्ताव दोबारा कैबिनेट में गया और मंजूरी मिलते ही प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी गई है। सीआरआईएफ के तहत होने वाले 24 कामों से यह पहला काम मंजूर हुआ।
केंद्रीय सड़क अधोसंरचना निधि की 1800 करोड़ की राशि में से अन्य 23 प्रोजेक्ट को मंजूरी का इंतजार है। सड़क निधि की इस राशि में से एक चौथाई पैसा ग्वालियर के प्रोजेक्ट में लगेगा। इसके अंतर्गत महारानी लक्ष्मीबाई की समाधि से ट्रिपल आईटीएम कॉलेज तक करीब 3 किमी लंबा एलीवेटेड फ्लाईओवर बनना है।
सूत्रों के अनुसार सीआरआईएफ से फ्लाईओवर के लिए 406 करोड़ की मंजूरी मिली है। भूमि अधिग्रहण के लिए 40.57 करोड़ रुपए राज्य सरकार देगी। पीडब्ल्यूडी के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार ग्वालियर के प्रोजेक्ट का टेंडर जल्द जारी होने वाला है। अधिकारी यह भी मानते हैं कि सीआरआईएफ के तहत किसी बड़े प्रोजेक्ट को पहली बार इतने कम समय में प्रशासकीय मंजूरी मिली है।
केंद्रीय सड़क अधोसंरचना निधि के तहत जिन प्रोजेक्ट पर काम होता है, उसमें पहले राज्य सरकार को पैसा लगाना पड़ता है। बाद में सीआरआईएफ से राज्य सरकार को यह पैसा मिल जाता है। हालांकि इसके लिए सीआरआईएफ को उपयोगिता प्रमाण-पत्र देना पड़ता है। इस तरह से स्पष्ट है कि ग्वालियर के प्रस्तावित एलीवेटेड फ्लाईओवर पर शुरुआत में पूरा पैसा राज्य सरकार खर्च करेगी।
प्रोजेक्ट एक नजर में
कहां बनेगा एलीवेटेड फ्लाईओवर— ग्वालियर में महारानी लक्ष्मीबाई की समाधि से ट्रिपल आईटीएम कॉलेज तक
लंबाई— 2.90 किमी
लागत— 446.92 करोड़ रुपए