कुर्सी पर संकट के बीच इमरान की 27 को मेगा रैली, कुरान का हवाला देकर सत्ता के खरीदारों को जवाब देने की अपील की
इस्लामाबाद। पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में शुक्रवार को पेश किए जाने वाले अविश्वास प्रस्ताव से पहले ही सत्तापक्ष और विपक्ष में संघर्ष तेज हो गया है। कुर्सी पर संकट देखते हुए इमरान खान ने 28 मार्च को प्रस्ताव पर मतदान से एक दिन पूर्व मेगा रैली बुलाई है। वहीं विपक्ष ने भी सत्तापक्ष के गठबंधन में दरार डाल दी है। इमरान ने कुरान का हवाला देकर लोगों से सत्ता के खरीदारों को जवाब देने की अपील की है।
संसदीय गणित को देखते हुए मौजूदा हालात में इमरान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित होने के ज्यादा आसार हैं। उन्हें अपनी ही पार्टी में विरोध का सामना भी करना पड़ रहा है। नए गणित में संसद के कुल 342 सांसदों में से 187 इमरान सरकार के खिलाफ हैं। गठबंधन के तीन दलों ने भी इमरान का साथ छोड़कर विपक्ष से हाथ मिला लिया है।
कुर्सी का गणित गड़बड़ाता देख इमरान खान ने एक वीडियो संदेश भेजकर लोगों से 27 मार्च को मेगा रैली में बड़ी तादाद में जुटने की अपील की है। उन्होंने बृहस्पतिवार को जारी वीडियो संदेश में कुरान का हवाला देते हुए कहा कि आप अच्छाई का साथ दीजिए। बुराई से लड़िए और सत्ता के खरीदारों को जवाब दीजिए। उधर, विपक्ष में पीएमएल-एन के शहबाज शरीफ और पीपीपी के बिलावल भुट्टो ने देश के आर्थिक संकट के लिए इमरान की नीतियों को जिम्मेदार ठहराया है।
रैलियों का खेल खेलना बंद करें इमरान
विपक्ष में पीपीपी के नेता बिलावल भुट्टो ने कहा कि इमरान खान रैलियों का खेल खेलना बंद करें और संसद का सत्र बुलाएं। उन्होंने कहा, इमरान का अब पीएम बने रहना संभव नहीं है। उधर, पाकिस्तान में चल रही राजनीतिक उथल-पुथल के बीच, सिंध के कृषि मंत्री और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नेता मंजूर वासन ने पीएमएल-एन के अध्यक्ष शहबाज शरीफ के प्रधानमंत्री बनने की भविष्यवाणी कर दी है।
सुप्रीम झटका : अविश्वास प्रस्ताव में मतों की गिनती न करना तिरस्कारपूर्ण
एक दिन पूर्व गठबंधन से तीन दलों ने विपक्ष का साथ देकर प्रधानमंत्री इमरान खान को बड़ा झटका दिया, जबकि बृहस्पतिवार को सुप्रीम कोर्ट ने भी इमरान की पार्टी द्वारा असंतुष्ट सांसदों के मतों की गिनती न करने को लेकर पूछे गए सवाल पर झटका दिया है। पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश उमर अता बंदियाल ने कहा कि पीएम के खिलाफ अविश्वास की कार्यवाही के दौरान डाले गए वोट की गिनती नहीं करना ‘अवमानना’ होगा। उन्होंने इसे तिरस्कारपूर्ण बताया। बंदियाल ने अनुच्छेद 63-ए पर कहा कि दलबदल पर एक सांसद की अयोग्यता के लिए प्रक्रिया निर्धारित है। इस संबंध में बृहस्पतिवार को 5 जजों की पीठ में जस्टिस बंदियाल, इजाजुल अहसान, मजहर आलम खान मियांखेल, मुनीब अख्तर और जमाल खान मंडोखाइल ने सुनवाई की। बंदियाल ने कहा, ऐसे मसलों को संदर्भ के बजाय संसद में हल करना चाहिए।
देश में कराए जा सकते हैं जल्द चुनाव : शेख राशिद
पाकिस्तान के बड़बोले गृहमंत्री शेख राशिद अहमद ने बृहस्पतिवार को सत्तारूढ़ पीटीआई के सदस्यों से कहा कि पार्टियों को बदलने से उनका कोई भला नहीं होगा। उन्होंने यह भी कह डाला कि टर्नकोट को यह ध्यान में रखना चाहिए कि देश में जल्दी चुनाव भी कराए जा सकते हैं। उन्होंने यह टिप्पणी इस्लामाबाद में एक प्रेसवार्ता के दौरान की। मंत्री ने कहा, जो लोग दल बदल रहे हैं और सोच रहे हैं कि उन्हें सम्मान मिलेगा, वे गलत हैं। उन्होंने दावा किया कि इस बिंदु से देश को अच्छी खबर मिलेगी। शेख राशिद ने बागी नेताओं को चेताया कि देश में जल्द चुनाव की व्यवस्था है।