दिल्ली के तीनों नगर निगमों के एकीकरण का विधेयक शुक्रवार को लोकसभा में हो सकता है पेश
नई दिल्ली: दिल्ली के तीनों नगर निगमों को एक करने वाला विधेयक शुक्रवार को लोकसभा में पेश हो सकता है। लोकसभा की संशोधित कार्यसूची के मुताबिक, गृहमंत्री अमित शाह शुक्रवार को लोकसभा में दिल्ली नगर निगम (संशोधन) बिल-2022 पेश कर सकते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में इस बिल पर मुहर लगाई गई थी।
इस बिल के जरिए दिल्ली नगर निगम एक्ट-1957 में संशोधन कर दिल्ली के तीनों नगर निगमों का विलय कर एक नगर निगम बना दिया जाएगा। बताया जा रहा है कि सरकार अगले सप्ताह इस बिल पर लोक सभा में चर्चा कर इसे पारित करवा सकती है। लोकसभा से पारित होने के बाद इस बिल को राज्यसभा में पेश किया जाएगा।
बता दें कि 2012 में नगर निगम के चुनाव से पहले 2011 में तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित सरकार के कार्यकाल में दिल्ली नगर निगम का विभाजन कर इसे तीन हिस्सों में बांट दिया गया था। दिल्ली नगर निगम (संशोधन) बिल- 2022 के संसद के दोनों सदनों से पारित होने, राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने और लागू होने के बाद दिल्ली में 10 वर्ष पहले की तरह एक ही नगर निगम और एक ही मेयर का प्रावधान हो जाएगा।
सूत्रों की माने तो दिल्ली नगर निगम (संशोधन) बिल- 2022 के मुताबिक, विलय के बाद बनने वाले एकमात्र नगर निगम में सदस्यों की संख्या 250 से ज्यादा नहीं होगी। वर्तमान में तीनों नगर निगमों की कुल सदस्य संख्या 272 है। तीनों नगर निगमों के पुनर्गठन के बाद पहली बैठक होने तक इसके कामकाज की निगरानी के लिए एक विशेष अधिकारी की नियुक्ति भी की जा सकती है।
बिल में एकीकरण के पक्ष में यह तर्क दिया गया है कि 2011 में किया गया नगर निगम का तीन हिस्सों में विभाजन न्यायसंगत और तर्कसंगत नहीं, बल्कि कई मामलों में असमान था। इसकी वजह से नगर निगम की आर्थिक हालत खराब होती चली गई और दिल्ली में कई तरह की समस्याएं उत्पन्न हो गईं।
बिल में कहा गया है कि नागरिक सेवाओं के बेहतर होने का तर्क देते हुए नगर निगम का विभाजन किया था, लेकिन इसका नतीजा ठीक उल्टा आया। आर्थिक हालत खस्ता होने की वजह से वेतन और रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली सुविधाओं में देरी होने लगी, जिसकी वजह से कर्मचारियों को लगातार हड़ताल करना पड़ा और इसका सीधा असर सफाई और स्वच्छता पर पड़ा। इसकी वजह से दिल्ली में गंभीर स्थिति पैदा हो गई। इसलिए इन तीनों नगर निगमों का एकीकरण कर एक निगम बनाना बहुत जरूरी हो गया है।