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इमरान के सामने अविश्वास प्रस्ताव बना चुनौती, आज इस्लामाबाद में दिखाएंगे ताकत

इस्लामाबाद । इमरान खान (Imran Khan) रहेंगे या बतौर पाकिस्तान (Pakistan) के वजीर-ए-आजम उनका सफर खत्म होने जा रहा है? इस सवाल का जवाब जानने के लिहाज से आज पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद (Islamabad) का जलसा काफी महत्वपूर्ण है. इमरान खान विपक्ष द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव से पहले आज अपनी ताकत का प्रदर्शन इस्लामाबाद में करने जा रहे हैं. दावा किया गया है कि पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ (PTI) के इस जलसे में 10 लाख लोग आएंगे. इस विशाल जनसैलाब से इमरान खान विपक्षियों को अपनी ताकत दिखाना चाहते हैं.

आज पाकिस्तान में जम्हूरियत इस मोड़ पर आ पहुंची है जहां विपक्ष तो सड़क पर है ही सत्ता पक्ष भी स्ट्रीट पावर पर यकीन करने को मजबूर है. इमरान खान ने शनिवार को पंजाब के कमालिया में एक मीटिंग को संबोधित करते हुए कहा कि 27 मार्च देश के इतिहास में निर्णायक दिन साबित होने जा रहा है. इमरान खान ने कहा, “इन अपराधियों (विपक्ष) को संदेश देने के लिए लोगों का सबसे बड़ा सैलाब राजधानी में जुटेगा और बताएगा कि उनके लूटपाट और डाके के दिन खत्म हो गए हैं,”.

पाकिस्तान में क्यों डगमगायी कप्तान की सरकार
69 वर्षीय इमरान खान पाकिस्तान में गठबंधन सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं. सरकार बनाने के लिए उनका बहुमत कामचलाऊ है और अगर कुछ सहयोगी दल पाला बदलने का फैसला करते हैं तो उन्हें हटाया जा सकता है. यूं तो इमरान खान अपना कार्यकाल 2023 में पूरा करने वाले थे लेकिन इससे पहले अभी ही उन्हें अपने लगभग 24 सांसदों और सहयोगी दलों के बगावत का सामना करना पड़ रहा है, जो उन्हें समर्थन देने के लिए अनिच्छुक हैं.

इमरान खान और उनके मंत्री दोनों यह माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं कि सब कुछ ठीक है और वह जनता की अदालत में विजयी होंगे. बता दें कि पाकिस्तान की 342 सदस्यीय नेशनल असेंबली में इमरान खान की पार्टी पीटीआई के 155 सदस्य हैं और सरकार में बने रहने के लिए उन्हें कम से कम 172 सांसदों की जरूरत है. इमरान खान के पास शुरुआत में 179 सांसदों का समर्थन था. लेकिन अगर उनकी पार्टी के 24 बागी सरकार के खिलाफ वोट देते हैं तो इमरान की सरकार धराशायी हो जाएगी.

इमरान के खिलाफ असंतोष और बगावत को भांपकर विपक्षी दल उनके खिलाफ 8 मार्च को अविश्वास प्रस्ताव लेकर आए हैं. स्पीकर असद कैसर ने पहले तो अविश्वास प्रस्ताव पर बहस करवाने में आना-कानी की लेकिन वे 28 मार्च से बहस के लिए तैयार हो गए हैं. 28 मार्च को अविश्वास प्रस्ताव पर बहस शुरू होने के बाद 3 या 4 अप्रैल को इस पर वोटिंग हो सकती है.

सांसदों को खरीद रहा है विपक्ष: इमरान
इमरान खान ने कहा कि विपक्ष खुले तौर पर हमारे सांसदों को खरीद रहे हैं. हालांकि कैप्टन ने अभी भी उम्मीदें नहीं खोई है. उन्होंने उम्मीद जताई कि असंतुष्ट सांसद जल्द ही PTI में वापस आएंगे. प्रधानमंत्री ने दावा किया कि अविश्वास प्रस्ताव के पीछे विपक्ष का उद्देश्य सरकार को उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों को बंद करने के लिए “ब्लैकमेल” करना था. लेकिन वे इसके लिए कतई तैयार नहीं हैं.

झुकने के मूड में नहीं है PPP, PML-N
पाकिस्तान में इस वक्त कीमतें बेतहाशा बढ़ रही है. दूध, तेल, गेहूं, अंडे, बिजली की कीमतें आसमान पर है. विपक्ष ने इसी को मुद्दा बना लिया है. पूर्व पीएम बेनजीर भुट्टो की पार्टी PPP, नवाज शरीफ की पार्टी PML-N इस मुद्दे पर सरकार की बर्खास्तगी चाहते हैं. उन्होंने आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री इमरान खान के नेतृत्व वाली पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सरकार देश में आर्थिक संकट और बढ़ती महंगाई के लिए जिम्मेदार है. और उन्हें सत्ता में रहने का अधिकार नहीं.

पीपीपी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा है कि इमरान खान चाहते थे कि देश की संस्थाएं उनकी पार्टी के टाइगर फोर्स के रूप में काम करें लेकिन वे ऐसा नहीं होने देंगे. उन्होंने कहा कि हम किसी को भी अपने संस्थानों को एक व्यक्ति के लिए विवादास्पद बनाने की अनुमति नहीं देंगे.

क्या गद्दी छोड़ेंगे इमरान खान
पाकिस्तान में चर्चा है कि इमरान खान अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान से पहले इस्तीफा दे सकते हैं. ऐसा इसलिए कहा जा रहा है कि क्योंकि ऐसे कुछ संकेत भी मिले हैं. दरअसल पाकिस्तान के पीएम कार्यालय के यूट्यूब चैनल का नाम PMO से बदलकर इमरान खान रख दिया गया है. इसके अलावा इस चैनल का ब्लू टिक भी खत्म हो गया है. इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि इमरान आज की रैली में कुछ बड़ा ऐलान कर सकते हैं.

शेख रशीद ने दिए चुनाव के संकेत
पाकिस्तान में हलचल के बीच चुनाव के चर्चे हो रहे हैं. गृह मंत्री शेख रशीद दो बार कह चुके हैं कि देश को आम चुनाव के लिए तैयार रहना चाहिए. शनिवार को मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने PM इमरान खान से वक्त से पहले चुनाव करवाने की मांग की है. पाकिस्तान में बड़बोले किस्म के मंत्री कहे जाने वाले शेख रशीद चाहते हैं कि 2022-23 के लिए बजट पेश करने के तुरंत बाद ही चुनाव का ऐलान कर दिया जाए. एक बार और उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान में वक्त से पहले आम चुनाव हो सकते हैं, हालांकि बाद में वह अपने बयान से पलट गए थे.

पाकिस्तान का कोई पीएम नहीं पूरे कर पाया 5 साल
पाकिस्तान में लोकतंत्र का मिजाज ऐसा रहा है कि वहां लोकतंत्र कभी पनप ही नहीं पाया. भारत विरोध, कश्मीर राग, हथियारों की होड़ और धार्मिक कट्टरता में ये देश इस जकड़ा की यहां पर जम्हूरियत कभी पनप ही नही पाया. इस देश में आजतक एक भी प्रधानमंत्री अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर पाया. कभी सैन्य तानाशाहों ने जनता के चुने पीएम को कुचल दिया, तो कभी अदालतों ने पीएम को अयोग्य ठहरा दिया. या फिर कभी सरकार अपने ही कर्मों से गिर गई. अगर इमरान की सरकार गिरती है तो वे इस तीसरे कैटेगरी में शामिल होंगे.

अगर आप पाकिस्तान की राजनीति में 5 साल पहले जुलाई 2017 के वाकये को याद करें तो आपको पनामागेट प्रकरण याद होगा. पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसले में तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को पनामागेट केस में पीएम के पद के लिए अयोग्य ठहरा दिया और उन्हें प्रधानमंत्री के पद से हटा दिया था. सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की बेंच ने सर्वसम्मति से अपने फैसले में नवाज शरीफ को पनामा केस में दोषी करार दिया था. इससे पहले पाकिस्तान के आर्मी चीफ रहे परवेज मुशर्रफ ने भी नवाज शरीफ को पीएम पद से हटा दिया था.

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