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आज संसद में गृह मंत्री अमित शाह पेश करेंगे क्रिमिनल प्रोसीजर बिल-2022, अब पुलिस को मिलेगा यह विशेष अधिकार

नई दिल्ली. एक अन्य बड़ी खबर के अनुसार केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) आज यानी सोमवार 28 मार्च को संसद में क्रिमिनल प्रोसीजर बिल-2022 (Criminal Procedure Bill-2022) पेश करेंगे। बता दें कि इस बिल का लक्ष्य पुलिस को फिलहाल ये अनुमति देना है कि, वो अपराधिक मामलों के दोषियों और अन्य व्यक्तियों की पहचान का रिकॉर्ड रख सकता है। साथ ही लोकसभा में यह बिल पास होते ही पुलिस की कार्यप्रणाली से जुड़ा आइडेंटिफिकेशन ऑफ प्रिजनर्स एक्ट 1920 भी अब खत्म हो जाएगा।

इतना ही नहीं यह नया विधेयक मौजूदा “कैदियों की पहचान अधिनियम, 1920” को निरस्त कर देगा।गौरतलब है कि विधेयक पुलिस को धारा 53 में संदर्भित “उंगली के निशान, हथेली के निशान, पदचिह्न छाप, तस्वीरें, आईरिस और रेटिना स्कैन, भौतिक, जैविक नमूने और उनके विश्लेषण, हस्ताक्षर, लिखावट या किसी अन्य परीक्षा सहित व्यवहार संबंधी विशेषताओं” को एकत्र करने की अनुमति देता है।

लेकिन मौजूदा कानून में, यह एक मजिस्ट्रेट के आदेश पर उंगली और पदचिह्न के निशान लेने और सीमित श्रेणी के दोषी और गैर-दोषी व्यक्तियों और तस्वीरों के लिए अनुमति देने तक ही सीमित है।

इसके साथ ही अब इस विधेयक के प्रावधानों के अनुसार, किसी भी निवारक निरोध कानून के तहत दोषी ठहराए गए, गिरफ्तार या हिरासत में लिए गए किसी भी व्यक्ति को पुलिस अधिकारी या जेल अधिकारी को “माप या पहचान” प्रदान करने की आवश्यकता होगी।

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