स्त्री और पुरुष के विवाह के पश्चात दोनों पति पत्नी के एक अटूट रिश्ते में बंध जाते हैं और इस रिश्ते की कदर करना और एक दूसरे का हर मोड़ पर साथ देना ही इस रिश्ते का असल उद्देश्य होता है।एक्साइटमेंट और कमिटमेंट के साथ शादी का दूसरा नाम एडजस्टमेंट भी है। अगर इन तीनों बातों में से किसी भी एक का संतुलन बिगड़ा तो इसका खामियाजा पति-पत्नी को ही भुगतना पड़ता है।छोटी-छोटी सी चीजों पर अगर सही समय पर ध्यान न दिया जाए तो समय के साथ ये इतनी बड़ी हो जाती हैं कि कपल के बीच दूरी की खाई बन जाती है। सबसे बुरी बात तो यह है कि दोनों में से किसी को अहसास तक नहीं हुआ होता कि बात इतनी बिगड़ सकती है कि राहें जुदा करनी पड़ जाएं। रिश्ते को नुकसान पहुंचाने वाली ऐसी ही कुछ आदतों में बेडरूम हैबिट्स भी शामिल हैं जिन्हें जल्द से जल्द सुधार लिया जाए तो ही बेहतर होता है-
ज्यादातर लोगों की आदत होती है कि वे जरा सा भी खाली वक्त मिलने पर मोबाइल को हाथ में ले लेते हैं। कुछ लोग तो खाना खाते वक्त भी इसे नहीं छोड़ते। इतना ही नहीं सोने से पहले भी वे लंबे समय तक अपने स्मार्टफोन में ही चैटिंग से लेकर, विडियो देखना, दूसरों के सोशल मीडिया अकाउंट चेक करना जैसी चीजें करते रहते हैं। आपके मोबाइल में घुसे रहने के कारण पत्नी इग्नोर्ड फील कर सकती है जो रिश्ते के लिए बिल्कुल भी अच्छा नहीं है।
माना कि आपको दिनभर में ऑफिस के काम के कारण मोबाइल पर कुछ एंटरटेनिंग करने या देखने को नहीं मिला, लेकिन जब पत्नी रूम में आए और फिर आप उनसे बात करने की जगह इसमें ही लगे रहें तो उन्हें बुरा लग सकता है। चलिए मोबाइल की सिचुएशन भी हटा दीजिए, आप ऑफिस से आए को बस कपड़े चेंज किए, मोबाइल देखा और सो गए। यानी जब तक पत्नी पूरा काम खत्म करेगी तब तक को आप गहरी नींद में चले गए होंगे, जिससे आप दोनों को बात करने का टाइम ही नहीं मिला। एक-दो बार तो यह चल जाएगा, लेकिन ऐसा रोज हुआ तो धीरे-धीरे आप दोनों के बीच कम्यूनिकेशन गैप बढ़ने लगेगा। उसके बाद जो होगा उसे संभालना आपके लिए काफी मुश्किल हो सकता है।
देखिए, साफ सी बात है कि लाइफ पार्टनर कितने भी मॉर्डन सोच के हों लेकिन अपोज़िट सेक्स के दोस्तों से किसी न किसी लेवर पर उन्हें इनसिक्यॉर फील हो सकता है। आपके ग्रुप में महिला दोस्त हैं और आपकी पत्नी भी उन्हें जानती हैं तो भी रात को एक समय के बाद उनसे फोन पर लंबी बात करने से बचें। फोन रिसीव करने पर अगर आपको लगे कि बातें अगले दिन भी की जा सकती है तो यही रास्ता अपनाएं।
ये बहुत ही छोटी सी बात है, लेकिन सिर्फ आपके लिए। आपको ये बात समझनी होगी कि आप बच्चे नहीं हैं जिनके सामान को व्यवस्थित करने का जिम्मा आपकी पत्नी का है। आप भी मैच्योर पर्सन हैं, ऐसे में अगर आप सामान को फैलाकर रखेंगे और सोने से पहले पत्नी कमरे आए तो नजारा देखते ही उनका पारा हाई हो जाएगा। अगर गुस्सा न भी करे तो उन्हें इरिटेशन जरूर होगा। रोज का यह इरिटेशन कभी न कभी फूटेगा जरूर और फिर क्या होगा ये आप सोच ही सकते हैं।
अरे सुनो वो अलमारी में से कवर दे दो… सुनो पानी ला दो… सुनो कल मुझे जल्दी उठा देना… सुनो कल जल्दी टिफिन बना देना… पत्नी के बेडरूम में आने पर अगर आपके पास उन्हें बोलने के लिए बस यही सब चीजें तो इससे अच्छा तो यही है कि आप चुप रहें। कामकाजी महिला ऑफिस के साथ घर भी संभालती हैं, वहीं हाउसवाइफ घर को परफेक्ट बनाए रखने के लिए दिनभर जुटी रहती हैं, इसलिए यह न भूलें कि अगर आप थके हुए हैं तो आपकी पत्नी और भी ज्यादा थकी हुई है। उनकी थकान को इग्नोर करने का सीधा सा मतलब है कि आपको उनकी परवाह कम है।
रोमांस का दिन तय नहीं लेकिन यह मूड पर तो निर्भर करता ही है। आप रोमांटिक मूड में हैं लेकिन पत्नी नहीं तो जबरन चीजों को फोर्स न करें। हो सकता है वह ज्यादा थकी हुई हों, उनके दिमाग में कोई टेंशन हो, या सिंपली उनका मन न हो। उनकी फीलिंग्स को पूरा सम्मान दें। आप अगर यह सोचते हैं कि पति होने के नाते आप उन पर इस तरह की चीज़ के लिए थोड़ा प्रेशर तो डाल ही सकते हैं तो यकीन मानिए आज ही अपने दिमाग से ये ख्याल निकाल दीजिए।