यह एलर्जी तेजी से लोगों को अपना शिकार बना रही है। यही नहीं, यदि माता-पिता दोनों को फूड एलर्जी है तो इस बात की 75 फीसदी आशंका रहती है कि उनके होने वाले बच्चे को भी किसी न किसी खाद्य पदार्थ से एलर्जी जरूर होगी। पर कभी आपने सोचा है कि खाने-पीने की चीजों से होने वाली यह फूड एलर्जी असल में होती क्या है? इससे क्या नुकसान होते हैं और इससे कैसे बचा जा सकता है? वैसे ऐसा बिल्कुल जरूरी नहीं है कि फूड एलर्जी सभी लोगों को हो, लेकिन जिस किसी को भी यह समस्या होती है, उसे खाने-पीने के मामले में सतर्कता जरूर बरतनी चाहिये| हम बात करे फूड एलर्जीकी तो बच्चो को जंकफ़ूड खाना बहुत पसंद होता है|जंक फ़ूड से बहुत सारी बिमारी निकल के सामने आई है|
यह एक शोध में पता चला है की कितना खतरनाक होता है है बच्चों के हेल्थ के लिए| बच्चे हेल्दी खान-पान से दूरहोने लगे है इस जंक फ़ूड के चलते | और पौष्टिक आहार नहीं मिल पता है| जंक फ़ूड से बहुत सारी बिमारी होती हैं| लेकिन बच्चों को खाने से रोक भी नहीं सकते है| जंक फ़ूड से बहुत बुरा असर पडता है| हम अगर बात करे की फूड एलर्जी या एक्जिमा की तो जंक फूड की तो आपके बच्चे फूड एलर्जी का शिकार तो नहीं इससे पीड़ित होने की संभावना ज्यादा होती है|एक शोधकर्ता ने खुलासा किया की यह एलेर्जी न सिर्फ चर्म रोग का कारण बनती है|
बल्कि जानलेवा भी है| यह शोध जर्नल ऑफ एलर्जी एंड क्लिनिकल इम्यूनोलॉजी में प्रकाशित हुआ है|वैज्ञानिक की टीम ने मानवों पर किए गए पूर्व के अध्ययनों का आकलन करते हुए यह समीक्षा की है|15,000 शोध की स्क्रिनिंग करने के बाद उन्होंने 42 की पहचान की है जिसमें 20 लाख से ज्यादा एलर्जी पीड़ितों का डाटा शामिल है|ऑस्ट्रेलिया के एडिलेड यूनिवर्सिटी की कैथी गैटफोर्ड ने कहा, “हमने जन्म के समय वजन व गर्भकालीन उम्र व बच्चों व वयस्कों के एलर्जी संबंधी बीमारियों की घटनाओं का विश्लेषण किया|
बच्चे के जन्म के समय वजन में प्रत्येक किलोग्राम की वृद्धि से बच्चे में फूड एलर्जी का 44 फीसदी खतरा बढ़ता है या एक्जिमा होने का 17 फीसदी खतरा होता है|इसमें से ज्यादातर शोध विकसित देशों के बच्चो पर किए गए, जिसमें ज्यादातर यूरोपीय हैं|बच्चे में एलर्जी का कोई संकेत या लक्षण दिखाई देता है, तो आप इसकी जांच करवाएं और सभी उपाय करें।एलर्जी खाने-पीने की वस्तुओं से लेकर वातावरण और दवाएं आदि किसी भी चीज से हो सकती है|
फिर भी मुख्यत: ग्लूटन युक्त खाद्य पदार्थ (लस से युक्त), डेयरी उत्पाद, सोयाबीन, अंडों और शैलफिश से होने वाली एलर्जी ज्यादा देखने को मिलती है। किसी-किसी व्यक्ति को ज्यादा नमी वाली जगह में सांस लेने से भी एलर्जी हो सकती है। कुछ अवस्थाओं में एलर्जी का प्रभाव तुरंत दिखने लगता है। पर कुछ परिस्थितियों में एलर्जी के लक्षण नजर आने में 48 से 72 घंटे का भी समय लग सकता है।