राज्य

प्रेगनेंसी में चॉकलेट खाना चहिये या नहीं ,जानें फायदे और नुकसान दोनों

प्रेग्नेंसी की सबसे अहम बात होती है क्रेविंग्स यानी किसी चीज को खाने की तीव्र इच्छा जो अचानक बीच रात में भी हो सकती है और किसी बेहद इम्पॉर्टेंट मीटिंग के बीच में भी। आइसक्रीम, चॉकलेट, पानी पुरी, चाट, जंक फूड ये कुछ ऐसी चीजें हैं जिसे प्रेग्नेंसी के दौरान खाने के मन जरूर करता है। कई बार आपने अपनी मां या दादी-नानी को ये कहते सुना होगा कि गर्भावस्था में जो खाने का दिल करे जरूर खाओ वरना बच्चे की लाड़ टपकने लगेगी।

जहां तक बात चॉकलेट की है तो इसका प्रेग्नेंसी से कुछ खास लेना देना नहीं है। आप प्रेग्नेंट है या नहीं, हर सूरत में ज्यादातर लोगों को चॉकलेट बहुत पसंद होती है खासकर फीमेल्स को। चॉकलेट ऐसी चीज है जिसे आप कितना भी खाएं मन नहीं भरता। लेकिन कई बार प्रेग्नेंसी में क्रेविंग्स इतनी बढ़ जाती हैं कि बस दिल करता है हर वक्त चॉकलेट खाते रहें। लेकिन कहीं आपकी ये एक्सेस चॉकलेट होने वाले बच्चे को नुकसान न पहुंचा दे? अगर आपके मन में भी इस तरह के सवाल हैं कि प्रेग्नेंसी में चॉकलेट खानी चाहिए या नहीं, तो इस बारे में यहां जानें, पूरी डीटेल…

इस बारे में अब तक कई स्टडीज हो चुकी है जिसमें यह बात जानने की कोशिश की गई गर्भवती महिलाओं को प्रेग्नेंसी के दौरान ज्यादा चॉकलेट खानी चाहिए या नहीं। इन सभी स्टडीज में यही बात सामने आयी कि चॉकलेट, आपके होने वाले बच्चे यानी भ्रूण के ग्रोथ और विकास दोनों में मदद करती है। लिहाजा प्रेग्नेंकी के दौरान चॉकलेट खाना सेफ है, लेकिन एक लिमिट में रहकर क्योंकि चॉकलेट में कैफीन होती है और बहुत ज्यादा चॉकलेट नुकसानदेह हो सकती है। साथ ही साथ ज्यादा चॉकलेट खाने से आपकी भूख खत्म हो जाएगी और फिर आप किसी भी तरह की हेल्दी चीजें नहीं खा पाएंगी।

प्रेग्नेंसी के दौरान कितनी चॉकलेट खानी है ये बात पूरी तरह से आपके हेल्थ पर निर्भर करती है और इसके लिए अपने डॉक्टर से कंसल्ट करें। वही बता पाएंगे कि आपके लिए चॉकलेट का सेफ लिमिट क्या है। साथ ही साथ प्रोसेस्ड चॉकलेट खाने की बजाए प्योर चॉकलेट का सेवन करें। डार्क चॉकलेट ही प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए बेस्ट मानी जाती है क्योंकि वह उनकी और होने वाले बच्चे की सेहत के लिए फायदेमंद है। अगर आपको मार्केट में ऐसी डार्क चॉकलेट मिल जाए जिसमें स्वीटरनर्स और रिफाइंड शुगर कम हो तो वैसी चॉकलेट आपके लिए सही रहेगी।

चॉकलेट खाने से न सिर्फ आपका बच्चा हेल्दी रहता है बल्कि प्रीक्लैम्पिसाया यानी प्रेग्नेंसी में अचानक ब्लड प्रेशर और प्रोटीन लेवल बढ़ने की दिक्कत भी दूर हो जाती है। साथ ही साथ प्लैसेंटा जो मां के शरीर से पोषक तत्वों को बच्चे तक पहुंचाता का फंक्शन भी बेहतर तरीके से काम करता है। डार्क चॉकलेट्स मूड इन्हैनसर का काम करते हैं यानी इन्हें खाने से आपका स्ट्रेस कम होता है, मूड बेहतर होता है और साथ ही साथ ब्रेन में इन्डॉर्फिन और सेरोटोनिन का लेवल भी बढ़ता है। साथ ही साथ चॉकलेट खाने से थकान भी कम होती है।

रिसर्च में यह बात साबित हो चुकी है कि जो महिलाएं प्रेग्नेंसी में डार्क चॉकलेट खाती हैं उनका किसी भी तरह के मटरनल स्ट्रेस से बचा रहाता है और जन्म के बाद उनका बच्चा हैपी हैपी रहता है। हालांकि इस बात के कोई पुख्ता सबूत नहीं हैं लेकिन कई स्टडीज में यह बात भी साबित हो चुकी है कि प्रेग्नेंट महिलाएं जो हर दिन लिमिटेड मात्रा में चॉकलेट खाती हैं उनमें प्रेग्नेंसी से शुरुआती 3 महीने में मिसकैरिज होने का खतरा 20 प्रतिशत तक कम हो जाता है।

Related Articles

Back to top button